Teej Mahotsav 2025: राजस्थान को अपनी संस्कृति और विशेष परंपराओं के लिए जाना जाता है। इन्हीं परंपराओं और संस्कृति ने आज राजस्थान की पहचान है। वहीं बता दें राजस्थान में मनाए जाने वाले त्योहारो और उनके अनोखे रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग राजस्थान में भ्रमण करने आते हैं और यहां के तीज गणगौर जैसे त्योहारों में शामिल होते हैं।

तीज माता का विशेष श्रृंगार 

राजस्थान में हर साल जयपुर में तीज का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। तीज के दिन सिटी में सवारी यात्रा निकाली जाती है। जिसमें मां गौरी को बेहतरीन तरीके से सजाया जाता है। उनके श्रृंगार की चमक लोगों का मन मोह लेती है। इस तीज यात्रा में राजस्थान की संस्कृति की विशेष झलक देखने को मिलेगी। जहां सवारी के दौरान महिलाओं के द्वारा घूमर, कालबेलिया के साथ राजस्थान की कई अन्य कलाओं को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इस सवारी में तीज माता को विशेष तरह के आभूषण से सुज्जित किया जाएगा। 

17 तरह के आभूषणों से सजेगी तीज माता

राजस्थान में तीज के त्योहार के दिन जयपुर में तीज की सवारी निकाली जाती है। इस सवारी को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस बार भजनलाल सरकार के द्वारा भी तीज की सवारी के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें लोगों की सुरक्षा को लेकर सख्ती बरती गई है। इसके साथ ही आपको बता दें कि इस बार तीज सवारी में मां गौरी का श्रृंगार में 17 तरह के आभूषणों को शामिल किया गया है। 

आभूषणों की विशेषता 

मस्तक पर बोराला को पहनाया जाएगा, जिसको लाल रत्नों और मोतियों के जड़ा गया है। टीका माता के माथे पर लटकाया जाएगा, जिसमें मीनाकारी और कुंदन लगे हुए है। इसके साथ ही मुकुट को साने और रत्नों सजाया गया है। नाक में रत्न और झुमर की नथ पहनाई जाएगी, जो स्त्रीत्व के प्रतिक को दर्शाता है। वहीं गले में कंठी व रानी हार, कानों में कर्णफूल पहनाएं जाएंगे। जो पारंपरिक शैली मीनाकारी और पील्की से सजे हुए है। हस्त फूलों को भी मोतियो और झालरों से सजाया गया है। हाथों में चुड़ियों को कांच और लाख से बनाया गया है। कमर में कमरबंध भी पहनाया जाएगा।

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