Indian Railways: यात्री सेवा और रेल कर्मचारियों के कार्य वातावरण में सुधार लाने के लिए रेलवे बोर्ड ने एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल बोर्ड ने ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग स्टाफ, एसी कोच अटेंडेंट, ट्रेन साइड वेंडिंग स्टाफ और अन्य संविदा कर्मचारियों के लिए डिब्बों में निर्धारित बर्थ का आवंटन करने का निर्णय लिया है। बोर्ड द्वारा उठाए गए इस कदम की सूचना उत्तर पश्चिम रेलवे सहित सभी क्षेत्रीय रेलवे को दे दी गई है। इस निर्णय को दो चरणों में लागू किया जाएगा, तत्काल और दीर्घकालिक।

क्यों उठाया गया यह कदम 

रेलवे बोर्ड केक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह कदम ऑन बोर्ड कर्मचारियों के लिए उपलब्धता का आकलन करने हेतु गठित एक विशेष समिति की सिफारिश पर ही आधारित है। इस बदलाव के बाद यात्रियों को अब अपनी निर्धारित सीटों पर सेवा कर्मचारियों से सीधा संपर्क मिलेगा। इस यात्रा के दौरान बेहतर पहुंच और बेहतर सेवा गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। 

बर्थ और सुविधाओं का आवंटन 

तत्काल कार्यान्वयन योजना के अंतर्गत एसी कोच अटेंडेंट और विद्युत कर्मचारियों को थर्ड एसी और स्लीपर क्लास में दो बर्थ दिए जाएंगे। इसी के साथ ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग स्टाफ के लिए थर्ड एसी या एसी/नॉन एसी चेयर कार डिपो में चार बर्थ आरक्षित होंगे। यह दो अलग-अलग डिब्बों में विभाजित होंगी। इसके अलावा संविदा कर्मचारियों को हर घंटे के आधार पर संशोधित न्यूनतम वेतन भी दिया जाएगा। इसी के साथ ओबीएचएस कर्मचारियों को ट्रेन के अंदर एक निश्चित और किफायती मूल्य पर जनता खाना भी दिया जाएगा।

आवंटित बर्थों के दुरुपयोग को रोकना 

आपको बता दें कि आरक्षित बर्थों का उपयोग केवल अधिकृत कर्मचारियों द्वारा ही किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने दुरुपयोग करने पर कड़े दंड का प्रावधान भी किया है। पहली बार उल्लंघन करने पर 10 हजार का दूसरी बार 20 हजार  का और उसके बाद हर उलझन पर 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।

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