Patwon Ki haveli: rkयूं तो यूनेस्को की सूची में भारत के कई विरासत शामिल है। राजस्थान के कई धरोहर भी यूनेस्को की सूची शामिल है। राजस्थान न सिर्फ अपने पारंपरिक वेशभूषा,खान पान, संस्कृति और मरुस्थल के अलावा भी हवेलियों के लिए जाना जाता है। यहां की सुंदर-सुंदर इमारतें इनकी जालीदार खिड़कियां यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है। ऐसे ही राजस्थान की गोल्डन सिटी जिसे जैसलमेर के नाम से भी जाना जाता है। यहां पटवों की हवेली स्थित है। जैसलमेर के सबसे प्रसिद्ध हवेलियों में इसका नाम शुमार है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने इसकी तारीफ की है। 1805 ईस्वी में इस हवेली का निर्माण कराया था। जिसको बनाने में करीब 50 साल का समय लगा। जैसलमेर आने वाले पर्यटक इस हवेली को जरूर देखने आते हैं। हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक इस हवेली का भ्रमण करने आते है।
पांच हिस्सों में बंटा पटवा की हवेली
19वीं शताब्दी में पटवा परिवार के पांच भाइयों ने मिलकर इस हवेली का निर्माण करवाया था। यह पेशे से सोने चांदी के व्यापारी थे। पांच भाइयों ने हवेली के अपने-अपने हिस्से का निर्माण करवाया था। हवेली की नक्काशी इतनी भव्य तरीके से बनाई गई है कि देखने वाले आश्चर्यचकित हो उठते हैं।
हवेली में हिन्दू, जैन व मुस्लिम संस्कृति की झलक
इस हवेली में तीन संस्कृति के झलक देखने को मिलती है। हिन्दू, जैन व मुस्लिम संस्कृति की झलक मौजूद है। हवेली की विशेषता है कि गर्मी में ठंडक प्रदान करती है। पटवा की हवेली सात मंजिला हवेली में दो तल स्थित है। हवेली के अंदर जल प्रबंधन करने का भी सुचारू व्यवस्था है।
हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हवेली देखने
हवेली की वास्तुकला की बात करें तो इसका निर्माण पीला बलवा पत्थर से किया गया है। वास्तुकला में मुगल व राजपूताना शैली मिश्रित है। इस हवेली में जालीदार खिड़कियां और झरोखे बनाए गए। झरोखे हवेली की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। हर साल हवेली को देखने के लिए 10 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी किया था हवेली की तारीफ
भारत के पहले परमाणु परीक्षण के बाद उसे समय की भारतीय मूल की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसलमेर आई थी। इन हवेलियों को देखने के बाद इंदिरा गांधी काफी आकर्षित हुई थी। इंदिरा गांधी के कहने पर ही इस हवेली के दो भागों को सरकार ने अधिग्रहित किया। ताकि यहां आने वाले पर्यटक इसको देख सके और पर्यटन को बढ़ावा मिले।
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