Shekhawati Hawali: राजस्थान के शेखावाटी की कलाकारी का दीदार करने लोग देश-विदेश से यहां आते हैं। यहां की विभिन्न डिजाइंन, आकर्षक कलाकारी और बेजोड़ आर्ट सैलानियों को अपनी तरफ आर्कषित करता है। यहां की चित्रकारी अपने आप में एक सांस्कृतिक पंरपरा को समेटे हुअ हैं। ओपन आर्ट गैलेरी नामक शेखावाटी की हवेलियां, मंदिर और स्मारकों की चित्रकारी और निर्माण शैली वास्तु, स्थापत्य व चित्रकला का अनोखा नमूना है। 300 साल पुराना यह वैभव आज भी लोगों को अपनी तरफ आर्कषित कर रहा है। 

सोने की स्याही से तैयार की गई देवी देवताओं, इंसानों व प्राकृति की चित्रकारी यहां के कलाकारों के हुनर को दर्शाती है। विभिन्न चित्रों के माध्यम से कलाकार इंसान के जीवन के हर पहुल को शामिल करता है। इनमें धार्मिक के साथ-साथ पौराणिक गाथाओं के चित्रों को हवेलियों व मंदिरों की दिवारों पर उकेरते हैं। इनमें भगवान राधा-कृष्ण, राम कथा, सत्यवादी हरीशचंद्र और अन्य ऋषि मुनियों की कहानियों को चित्र के माध्यम से दर्शाया जाता है। साथ ही लोक जीवन, राजघरानों, जानवरों, प्रकृति के अलावा आधुनिक विषयों को भी शामिल किया जाता है।  

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बॉलीवुड की इन फिल्मों की हो चुकी हैं शूटिंग

शेखावाटी की प्रसिद्ध ओपन आर्ट गैलरी बॉलिवुड की नजरों से भी नहीं दूर रह पाई है। कई हिट फिल्मों जैसे ए दिल है मुश्किल, गुलामी, जब वी मेट, हाफ गर्लफ्रेंड, लव आजकल, पीके और बजरंगी भाईजान, कच्चे धागे, कोई मेरे दिल से पूछे आदि फिल्मों की शूटिंग यहां हो चुकी है। 

ऐसे तैयार किए जाते हैं रंग 

16वीं से 19वीं सदी तक कलाकारी के लिए इस्तेमाल होने वाले रंग प्राकृतिक तरीके से तैयार किए जाते थे। काले रंग के लिए काजल या फिर कोयले का इस्तेमाल होता था, नीले रंग के लिए नील, हरे के लिए पत्तें, चूने से सफेद रंग और गौ मूत्र से पीला रंग तैयार किया जाता था।