Rajasthan Temple: राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित कामां के बारे में काफी कम लोगों ने सुना होगा, लेकिन यह जगह वैष्णवों का प्रमुख स्थान माना जाता है। खास बात यह है कि इसके कुछ भाग को ब्रज की धरती से भी जोड़ा जाता है। इसे देखकर लगता है यहां भगवान श्री कृष्ण ने अपना बचपन बिताया होगा।
क्यों कहा जाता है आदी वृंदावन?
कामां को आदी वृंदावन के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां हर तरफ तुलसी के पौधे दिखाई देते हैं। भादों माह में यहां वन यात्रा आयोजित की जाती है, जिसमें पूरे भारत से वैष्णव समाज के लोगों के साथ अन्य हजारों लोग शामिल होते हैं। साथ ही बारिश के समय प्रसिद्ध चील महल में मेले का आयोजन भी किया जाता है, यह परिक्रमा मेले के नाम से भी प्रसिद्ध है।
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यहां स्थित कई प्राचीन मंदिर
इस क्षेत्र में आपको कई प्राचीन देखने को मिल जाएगें। इनमें से एक है ऐतिहासिक चौरासी खंभा मंदिर, अनोखी बात यह है कि यहां न तो किसी भगवान की मूर्ति स्थापित की गई है और न ही यहां कोई पूजा पाठ करता है फिर भी इस स्थान को मंदिर कहा जाता है। कहा जाता है देश पर राज करने वाली कई शक्तियों ने इस मंदिर को नुकसान पहुंचाया है, जिसके कारण यह अपना असल रूप भूल चुका है।
आज तक कोई नहीं गिन पाया खंभे
इस मंदिर के बारे में चौकाने वाली बात यह है कि इस मंदिर के खंभों को आजतक कोई नहीं गिन पाया है। जो भी इन खंभों को गिनने की कोशिश करता है, उसे ये या तो ज्यादा दिखाई देते हैं या फिर कम। जिसकी वजह से हर बार गिनती करने में भूल होती है।
यहीं ली गई थी युधिष्ठिर की परीक्षा
बताया जाता है कि इसी मंदिर के पास एक धर्म कुंड स्थित है, जहां युधिष्ठिर की परीक्षा ली गई थी। इस घटना के बारे में महाभारत में भी लिखा गया गया है। हालांकि इसके संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं है लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक यह वहीं कुंड है जहां यक्ष ने युधिष्ठिर से प्रश्न पूछे थे।