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Shivpuri Dham Kota : कोटा शहर में दुनिया का इकलौता ऐसा शिव मंदिर है जहां 525 शिवलिंग निर्मित हैं। इन शिवलिंग में अत्यंत छोटे छोटे 1008 शिवलिंगों के आकार भी देखे जा सकते हैं।

Shivpuri Dham Kota :सावन के पावन महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश से धरती पर आते हैं, और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। उनके आने से प्रकृति खुश हो जाती है और हर जगह हरियाली छा जाती है।पेड़,पौधे,वन, तालाब सब हरे भरे हो जाते हैं। इस हरियाली को उत्सव के रूप में शिवालयों में श्रद्धा व उत्साह से मनाया जाता है।

अब जैसे कि सावन का महीना लग चुका है , देश भर में शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। राजस्थान के कोटा जिले में ऐसे कई ऐतिहासिक शिव मंदिर हैं जहां दर्शन पूजन के लिए भक्तों की अपार भीड़ होती है इनमें कंसुआ शिवधाम, गडरिया महादेव, गेपरनाथ,चंद्रेसल मठ व 525 शिवलिंग आदि हैं।

शिवपुरी धाम में बना है 525 शिवलिंग युक्त मंदिर

कोटा शहर में ही दुनिया का इकलौता ऐसा शिव मंदिर है जहां 525 शिवलिंग निर्मित हैं। इन शिवलिंग में अत्यंत छोटे छोटे 1008 शिवलिंगों के आकार भी देखे जा सकते हैं। यह अति पावन शिव मंदिर कोटा जिले के थेकड़ा पुलिया के नजदीक स्थित है जिसे शिवपुरी धाम के नाम से जाना जाता है।  

भगवान पाशुपति नाथ ने दिया साक्षात् दर्शन

ऐसा कहा जाता है कि भगवान पाशुपति नाथ ने मंदिर के संत रामपुरी जी महाराज को साक्षात् दर्शन देकर इस मंदिर के निमित्त आशीर्वाद दिया था। मंदिर में वर्ष 2007 में 525 शिवलिंग की 111 कुंडीय महायज्ञ करके प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसके उपरांत इस शिव मन्दिर को कोटा की जनता के पूजन अर्चन हेतु समर्पित कर दिया गया।

मंदिर के बीचोंबीच बना है 14 टन का शिवलिंग

इस मंदिर में निरंतर अनुष्ठान और यज्ञ होते रहते हैं और प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। शिवलिंग पर दूध का अभिषेक कर भक्त अपनी मनोकामना शिव के समक्ष कहते हैं। मंदिर प्रांगण के ठीक बीचोंबीच 14 टन का शिवलिंग स्थापित किया गया है। इस शिवलिंग को क्रेन की मदद से अपने निर्धारित स्थान पर रखा गया था पर ये तिरछे आकार में खड़ा हो गया।

यहां होते हैं 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

इस मंदिर के विषय में ये मान्यता है कि जो भक्त 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन नहीं कर पाते वो यहां आकर 525 शिवलिंग के दर्शन कर 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकते है । दर्शन करने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि इस मंदिर में दर्शन का कर ऐसा लगता है कि साक्षात भगवान शिव के दर्शन हो गए।

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