Dungeshwar Mahadev Bikaner : सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का समय माना जाता है, इसलिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है। इसी तरह राजस्थान के बीकानेर में बहुत से ऐसे शिव मंदिर हैं जो प्राचीन होने के साथ साथ अपनी खास विशेषता और स्थापत्य कला के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं।
इन शिवालयों में लोग सुबह से रात तक पूजा और अभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। ऐसे ही बीकानेर से 20 किमी दूर रिडमलसर पुरोहित सागर गांव में डूंगेश्वर महादेव का मंदिर है। इस मंदिर में में स्थित शिवलिंग जमीन से 5 फीट ऊपर स्थापित है। इस मंदिर में भक्त खड़े होकर पूजा करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मंदिर में मां पार्वती अपने खड़े स्वरूप में विराजमान हैं।
भक्त खड़े होकर करते हैं पूजा
पूरे बीकानेर में डूंगेश्वर महादेव का ही एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पार्वती जी की खड़ी प्रतिमा है। इस मंदिर का निर्माण तत्कालीन महाराजा डूंगर सिंह ने करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि महाराज डूंगरपुर बैठ कर ही भगवान शिव को जल व दूध चढ़ा लेते थे। पर आज लोग खड़े होकर शिवलिंग पर अभिषेक करते हैं। यहां 25 प्रकार के शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं।
मां पार्वती अपने खड़े स्वरूप में विद्यमान
ये मंदिर 225 वर्ष पुराना है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि पूरे बीकानेर के इसी मंदिर में मां पार्वती अपने खड़े स्वरूप में विद्यमान हैं। इसीलिए इन्हें सती के रूप में पूजा जाता है और इन्हें ललिता कुमारी भी कहा जाता है।
अविवाहित लड़कियां अच्छे और विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए इनके व्रत करती हैं। भारत में लाखों की संख्या में शिव मंदिर हैं लेकिन डूंगेश्वर महादेव का मंदिर ऐसा है जहां शिवलिंग की पूजा खड़े होकर की जाती है। ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा करने से अविवाहित कन्याओं का शीघ्र विवाह तय हो जाता है।
डूंगेश्वर महादेव मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ
डूंगेश्वर महादेव मंदिर चारों ओर हरियाली से घिरा हुआ है। मानसून के दौरान यहां का दृश्य बेहद मनोरम होता है। यही कारण है कि बारिश के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ोतरी देखी जाती है।
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