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Yuktidhara Software:  राजस्थान में सालों से मनरेगा परियोजनाओं में गड़बड़ देखने को मिल रही है। इसीलिए अब युक्तधारा सॉफ्टवेयर को लॉंन्च किया जा रहा है। आइए जानते हैं इसकी खासियत।

Yuktidhara Software: सालों से मनरेगा परियोजनाओं में अनियमितताओं की शिकायतों की वजह से गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इनमें एक ही कार्य के लिए बार-बार मंजूरी और धन का दुरुपयोग शामिल है। इसी समस्या के समाधान को लेकर पंचायती राज मंत्रालय ने इसरो के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर को लॉंन्च किया है। इस सॉफ्टवेयर का नाम है 'युक्तिधारा'। यह सॉफ्टवेयर योजनाओं की निगरानी और डुप्लीकेट प्रस्तावों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। 

तालाब खुदाई और बजरी सड़क परियोजनाओं में भ्रष्टाचार से निपटना 

आपको बता दें कि तालाब खुदाई और बजरी सड़क निर्माण में सबसे ज्यादा घपलेबाजी पाई गई है। अधिकारियों के मुताबिक एक ही सड़कों और तालाबों को कई बार नई परियोजनाओं के रूप में दिखाया गया है। इसी के साथ उसके लिए बार-बार धनराशि स्वीकृत भी की गई है। जबकि जमीन स्तर पर बहुत कम या फिर बिल्कुल भी काम नहीं हुआ। इस वजह से ग्रामीण विकास की आड़ में करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहे हैं। 

तकनीक संचालित पारदर्शिता

दरअसल युक्तिधारा मनरेगा परिसंपत्तियों की योजना को बनाने, उन पर नजर रखने और उनकी निगरानी करने के लिए रिमोट सेंसिंग और जिस तकनीक का इस्तेमाल करती है। हर परिसंपत्ति को जियो टैग किया जाएगा और पोर्टल पर डिजिटल रिकॉर्ड बनाए जाएंगे। अब पंचायत को प्रस्तावित कार्य पूरा हो गया है या फिर नहीं इसकी पुष्टि के लिए स्थान विवरण के साथ फील्ड फोटो को अपलोड करना होगा। 

हर स्तर पर जवाब दे ही सुनिश्चित 

अब क्योंकि सारा रिकॉर्ड डिजिटल केंद्रीकृत कर दिया गया है तो किसी भी स्तर पर जांच की जा सकती है और विसंगतियों को भी तुरंत पहचाना जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक युक्तिधारा ना सिर्फ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएंगी बल्कि ग्रामीण विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता में भी सुधार करेगी।

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