Deeg Village Bahaj:  एक भूतपूर्व खोज में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा राजस्थान के डीग के बहज गांव में एक प्राचीन शहर के अवशेषों को उजागर किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। यह खुदाई एएसआई के अन्वेषण के दूसरे चरण के तहत की गई है। इस खुदाई में गुप्त काल का 17 साल पुराना मानव कंकाल भी मिला है। इस कंकाल को अब विस्तृत शोध के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भेजा गया है। 

एक प्राचीन नदी चैनल के किनारे बना शहर 

पुरातात्विक टीम को शहरी संरचनाएं मिली। सड़कें ,जल निकासी व्यवस्था और आवासीय इमारतें, यह सभी प्राचीन काल से एक परिष्कृत शहर के लेआउट का संकेत देती है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि सतह से 23 मीटर नीचे की गई खुदाई में एक सूखी नदी का चैनल भी मिला है। इतिहासकारों को कहना है कि इस ऋग्वेद में संदर्भित पौराणिक सरस्वती नदी से जोड़ा जा सकता है। 

पांच सभ्यताओं के मिले निशान 

एएसआई ने साइट पर पांच सभ्यताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली परतों का खुलासा किया है। इनमें गेरू रंग के बर्तन संस्कृति, चित्रित ग्रे वेयर संस्कृति, और मौर्य, कुशन, सुंग और गुप्त राजवंश के शासनकाल शामिल हैं। 

क्या है खोज में शामिल 

टेराकोटा मूर्तियां, मिट्टी के बर्तन और अनुष्ठान संबंधित वस्तुओं के साथ मौर्य और गुप्त काल के ब्राह्मी लिपि में सिक्के और शिव और पार्वती की मूर्तियां। इसी के साथ 15 यज्ञ कुंड जो बताते हैं कि यहां वैदिक अनुष्ठान किए जाते थे। 

गुप्त काल का कंकाल

1700 साल पुराना एक दुर्लभ और अच्छी तरह से संरक्षित कंकाल भी इस खुदाई में पाया गया। इसे फॉरेंसिक और मानव शास्त्रीय विश्लेषण के लिए बीएचयू भेज दिया गया है। इसी के साथ इस साइट पर 3000 साल से भी पुरानी मिट्टी की मूर्तियां भी मिली है। इनमें से कुछ तो लिखित इतिहास से भी पुरानी है। इनमें से चार अर्ध पकी हुई मुहरें भी है जिनमें से दो पर प्रारंभिक ब्राह्मी लिपि में शिलालेख हैं।

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