Supreme Court Fined on Dental College: राजस्थान के 10 प्राइवेट डेंटल कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में 10 कॉलेजों पर 10-10 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोक दिया गया। शैक्षणिक मांगों के साथ मजाक डेंटल कॉलेज को खूब भारी पड़ा है। क्योंकि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का चाबुक चला, उनके ऊपर 10-10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया गया।

जानिए क्या है पूरा मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान कि राज्य सरकार को शैक्षणिक सत्र 2016-17 में बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स) में प्रवेश लेने के लिए नीट यूजी की न्यूनतम पात्रता प्रतिशत घटाने का अधिकार नहीं था। इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार के निर्णय को अवैध ठहराया और नीट कट ऑफ में छूट देने की शक्ति सिर्फ केंद्र सरकार को दे दिया। लेकिन इसमें भी यह ध्यान रखा जाएगा कि डेंटल काउंसिल आफ इंडिया के परामर्श के बाद ही केंद्र सरकार अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर सकेगी।

2023 के फैसले को दी चुनौती

जब जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई की पीठ ने राजस्थान हाई कोर्ट के वर्ष 2023 के फैसले को चुनौती देने वाली दीवानी अपीलों पर या फैसला सुनाया है। इसके साथ ही अनुच्छेद 142 के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए कोर्ट ने उन छात्रों की डिग्री को भी सुरक्षित रखा, जिन्होंने बीडीएस पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि तमाम प्राइवेट डेंटल कॉलेज ने राज्य की अवैध छूट से आगे बढ़कर शून्य या नकारात्मक नीट स्कोर करने वाले छात्रों को अपने कॉलेज में एडमिशन दिया, जो कि इन नियमों के खिलाफ है।

यह शैक्षणिक मांगों के साथ किसी मजाक की तरह है। इसी कारण से अदालत ने प्रत्येक दोषी निजी डेंटल कॉलेज पर ₹10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया। इसके अलावा राज्य सरकार को भी 10 लाख रुपए का जुर्माना विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने का आदेश दे दिया है।