Farmer Mahapanchayat: राजस्थान के हजारों किसानों ने महापंचायत किया और सरकार को 10 दोनों का अल्टीमेटम दे दिया है। किसानों ने साफतौर पर कहा कि अगर 10 दिनों में इस बांध के निर्माण पर रोक नहीं लगाया गया, तो सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। बताते चलें कि यह मामला राम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत बनने वाले डूंगरी बांध के विरोध में हुआ है। चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

आर-पार की लड़ाई की चेतावनी

यह महापंचायत शुक्रवार को जोड़ली गांव में प्रभावित क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों ने की है। इस महापंचायत की शुरुआत सुबह 11:30 बजे हुई, जो कि देर शाम तक चली थी। बांध निर्माण को लेकर यहां के किसान खूब आक्रोश में दिखे और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। किसानों ने साफ चेतावनी दे दी कि अगर बांध निर्माण को रद्द नहीं किया गया, तो यह लड़ाई आर-पार की होगी।

आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

वहीं देर शाम इस कमेटी के पदाधिकारी ने सरकार को एक अल्टीमेटम दिया और कहा कि अगर 10 दिनों में इसे नहीं रोका जाता है, तो इसके बाद आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। इस महापंचायत को पूर्व मंत्री रमेश चंद्र मीणा और सपोटरा विधायक हंसराज मीणा ने संबोधित किया। रमेश चंद्र मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासन में कोई विकास नहीं हुआ है और डूंगरू बांध को लेकर सरकार आम लोगों के बीच भ्रम फैलाने के अलावा कुछ नहीं कर रही है।

महापंचायत में शामिल हुए नरेश मीणा

वहीं विधायक हंसराज ने इसको लेकर कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इसको लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया और जैसे ही स्थिति बिगड़ी दोनों के समर्थक आपस में भिड़ने लगे। इसको देखते हुए पुलिस मंच पर पहुंची और मामले को शांत कराया। बताते चलें कि मौके पर किसान नेता राकेश टिकट और युवा नेता नरेश मीणा भी शामिल थे। नरेश मीणा ने चेतावनी दी है कि अगर डूंगरी बांध का निर्माण शुरू हुआ, तो हमेशा रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और अगर जरूरत पड़ी तो हम ट्रेन रोकने जैसे कदम भी उठाएंगे।

30 हजार लोग महापंचायत में हुए शामिल

वक्ताओं ने इस बांध के बनने को लेकर कहा कि इससे सैकड़ों गांव के हजारों लोग प्रभावित होंगे और उनके पास खाने कमाने के लिए उनकी जमीन भी नहीं बचेगी। क्योंकि वह डूब क्षेत्र में जा चुकी होगी। पूर्व विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा की डूंगरी बांध को बनने से रोकने के लिए वह भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। बताया जा रहा कि महापंचायत में 30,000 लोग शामिल हुए और सभी ने एकजुट होकर इसे रोकने की कसमें खाई।