Rajasthani Rabri: राजस्थान की गर्मियों के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा। आप सभी जानते हैं कि इन दिनों यहां पर तापमान काफी ज्यादा बढ़ जाता है और सूरज की तपिश धरती को झुलसा देती है। आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं यहां के एक ऐसे व्यंजन के बारे में जो न केवल अपने स्वाद के लिए बल्कि स्वास्थ्य से अपने गहरे जुड़ाव के लिए भी जाना जाता है। हम बात कर रहे हैं राबड़ी की। यह एक ठंडा और स्वादिष्ट व्यंजन है।
ग्रामीण राजस्थान का एक पाक प्रतीक
राबड़ी यहां के ग्रामीण समुदायों की जीवन शैली, विरासत और संस्कृति का एक प्रतिबिंब जैसा है। यह मुख्य रूप से गर्मियों के महीनों के दौरान बनाई जाती है। इसकी जड़े गांवों की रसोई तक फैली हुई है।
सरल सामग्री
इसे बनाने के लिए बाजरे के आटे को छाछ के साथ मिलकर एक घोल बनाया जाता है। इसके बाद इस मिश्रण को धीमी आंच पर पकाया जाता है और जब तक यह गाढ़ा ना हो जाए तब तक इसे पकाते रहते हैं। साथ ही आटे के कच्चेपन को भी दूर किया जाता है जिससे यह चिकना बन जाता है।
वैसे तो राबड़ी का स्वाद आम तौर पर नमकीन होता है लेकिन कुछ घरों में इसे मीठा भी खाया जाता है। हालांकि आज भी राजस्थानी घर में नमकीन राबड़ी ही खाई जाती है। गर्म दिनों के दौरान शरीर को हाइड्रेशन प्रदान करने के लिए लोग इसे नियमित रूप से कहते हैं।
राबड़ी के फायदे
यह न केवल स्वाद में अच्छा है बल्कि पोषण का भी एक पावर हाउस है। बाजरे के आटे में प्रोटीन, फाइबर और कैल्शियम पाया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि छाछ में प्रोबायोटिक भी होते हैं। राबड़ी को खाने से पाचन संतुलन बना रहता है। साथ ही यह पेट को भी आराम देता है।
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