Rajasthan News: राजस्थान सरकार ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, भजनलाल सरकार ने राज्य के पशुपालन विभाग द्वारा बाकी बचे 774 पशुधन निरीक्षकों और पशु परिचारकों के लिए पोस्टिंग के आदेश जारी किए हैं। इससे पहले, विभाग में कुल 2589 पदों पर नियुक्तियां पूरी हो चुकी थीं, और इन नई पोस्टिंग के साथ, सरकार ने गांवों और दूरदराज के इलाकों में सेवाएं देने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।
पशुपालन: राजस्थान की आजीविका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। बड़ी संख्या में छोटे और सीमांत किसान और पशुपालक परिवार दूध, पशु उत्पादों और पशुधन पर निर्भर हैं। बीजेपी सरकार का यह फैसला ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए लिया गया है।
प्रधान सचिव ने विभागीय अधिकारियों को बधाई दी
प्रधान सचिव ने पोस्टिंग आदेश जारी होने पर विभागीय अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इन कर्मचारियों की तैनाती से गांव स्तर पर पशु चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच बेहतर होगी। उन्होंने बताया कि अब पशुओं के इलाज, टीकाकरण और बीमारी नियंत्रण जैसी सेवाएं दूरदराज के ग्रामीण इलाकों और पंचायतों में भी समय पर उपलब्ध होंगी।
ग्रामीण इलाकों में रोजगार और सेवाओं को मजबूत करना
नए कर्मचारियों की नियुक्ति से ग्रामीण इलाकों में रोजगार और सेवाएं दोनों मजबूत होंगी। पशु मालिकों को छोटे-मोटे इलाज के लिए अब शहरों में नहीं जाना पड़ेगा, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचेगा। इसके अलावा, पशुओं की समय पर देखभाल से दूध उत्पादन बढ़ेगा, जिसका सीधा असर ग्रामीण निवासियों की आय पर पड़ेगा।
एक मजबूत पशुपालन प्रणाली जरूरी है
राजस्थान सरकार का मानना है कि एक मजबूत पशुपालन प्रणाली ग्रामीण आत्मनिर्भरता की नींव है। पशु स्वास्थ्य में सुधार से पशुओं की मृत्यु दर कम होगी और पशु मालिकों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। यह पहल उन इलाकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी जहां पहले संसाधनों की कमी थी।
सभी कर्मचारियों को जल्द से जल्द कार्यभार संभालने के निर्देश
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, सभी कर्मचारियों को उनके संबंधित कार्य क्षेत्रों के अनुसार जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं और उन्हें जल्द से जल्द कार्यभार संभालने का निर्देश दिया गया है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि योजनाओं का लाभ सही जरूरतमंदों तक पहुंचे। राजस्थान सरकार के इस फैसले को ग्रामीण इलाकों के विकास, पशुपालकों के कल्याण और गांवों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक और दूरदर्शी कदम माना जा रहा है।