Rajasthan Crop Damage:  अगस्त और सितंबर में हुई भारी बारिश की वजह से राजस्थान की कृषि पर कहर बरसा है। इस वजह से अगेती खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कृषि मंत्री संजय शर्मा द्वारा फसल क्षति का निरीक्षण किया गया। लेकिन इसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग अभी तक व्यापक क्षति रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाए। किसानों को कहना है कि लगातार बारिश की वजह से लगभग 40% फसलें नष्ट हो गई हैं। 

गंभीर रूप से प्रभावित प्रमुख फसलें 

कृषि क्षेत्र में काफी ज्यादा तबाही हुई है। इसका असर बाजरा, मूंग, चंवला, मोठ, ग्वार और मूंगफली जैसी फसलों पर पड़ा है। निरीक्षण दल द्वारा विशिष्ट रूप से उन खेतों का दौरा किया गया जहां 15 जून से 5 जुलाई के बीच बुवाई हुई थी। वहां उन्होंने पाया कि 60% से ज्यादा फैसले खराब स्थिति में थी। अगेती बाजरा की फसल के दाने अंकुरित होकर काले पड़ गए। इसी के साथ चारे की गुणवत्ता भी खराब हो गई। इस तरह मूंग, मोठ और चंवला के दाने फलियों के अंदर काले पड़ गए। 

प्रमुख फसल क्षति आंकड़े 

ग्वार की फसल 

आपको बता दें की इस सीजन में जिले में 97 हजार हेक्टेयर में ग्वार की बुवाई की गई थी। चिंता की बात यह है कि 50 हजार हेक्टर फसल में फलिया ही नहीं आई। इसका कारण अत्यधिक बारिश के वजह से हुए कीटों का हमला था।

मूंगफली की फसल 

आपको बता दें कि मूंगफली की बुवाई 30 हजार हेक्टेयर में हुई थी। इनमें से लगभग 10 हजार हेक्टेयर संकर किस्म की थी। हालांकि भारी बारिश की वजह से समय पर कतई नहीं हो पाई जिसके कारण क्षेत्रों में अनाज गिर गया।

बाजरा की फसल

इसके लिए 75 हजार हेक्टेयर में बुवाई की गई थी और यह कटाई के लिए लगभग तैयार थी। लेकिन लगातार बारिश की वजह से खड़ी फसल में दाने अंकुरित होकर काले पड़ने लगे। 

किसानों ने तत्काल सहायता की मांग की 

प्रशासन द्वारा समय पर रिपोर्ट न देने की वजह से किसानों को मुआवजे और भविष्य में बुवाई की फसलों को लेकर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। आधिकारिक आकलन के अभाव की वजह से उनकी परेशानी और भी बढ़ती जा रही है। इसी के साथ वें बढ़ते संकट को कम करने के लिए शीघ्र सरकारी हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं।

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