Private Products Ban: राजस्थान सरकार ने घोषणा की है कि राज्य भर के सरकारी स्कूलों, आवासीय विद्यालयों और छात्रावास में अब निजी कंपनियों द्वारा भेजे गए उत्पादों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। दरअसल माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर ने आदेश जारी करके सभी संयुक्त निदेशकों, सीडीपीओ और एडीपीसी को इसका अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं।
निजी से सरकारी एजेंसियों की ओर बदलाव
वर्तमान में इन संस्थानों में 90% उत्पाद निजी आपूर्तिकर्ताओं से ही प्राप्त होता है। अब नए निर्देशों के अंतर्गत सिर्फ सरकारी एजेंसियां, सहकारी संस्थाएं और महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार की गई वस्तुएं ही खरीदी जाएंगी। इसमें चाय नाश्ता, स्टेशनरी, बैग, फाइलें, डेयरी उत्पाद जैसी दैनिक कार्यों में इस्तेमाल आने वाली सभी सामग्रियां शामिल है।
ग्रामीण महिलाओं और किसानों की आजीविका में मदद
इस पहल के बाद स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और सरस डेयरी और राजीविका जैसी एजेंसी से जुड़ी हजारों महिलाओं और किसानों को आय के स्रोत प्राप्त होंगे।
सहकारी और स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा
अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले के बाद निजी कंपनियों पर निर्भरता तो कम होगी ही साथ ही सरकारी खर्च का सीधा लाभ जमीनी स्तर के उद्यमों तक पहुंचेगा। इससे आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है जो स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देगा।