Rajasthan Cab Rate: राजस्थान में मानसून के मौसम में न केवल बारिश हुई बल्कि ऑटो, रेडियो कैब और टैक्सी संचालकों के किराए में भी काफी ज्यादा वृद्धि देखने को मिली। पीक आवर और भारी बारिश के समय में यात्रियों से सामान्य किराए से दो से तीन गुना ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि परिवहन विभाग की ओर से इस पर कोई भी निगरानी नहीं की जा रही है। आपको बता दें कि टोंक रोड की वसुंधरा करौली से गोपालपुर चौराहे तक लगभग 2 किलोमीटर का किराया 140 रुपए लिया गया। बल्कि मानसरोवर के पटेल मार्ग चौराहे से रैपिडो ऑटो से 2 किलोमीटर की यात्रा का किराया 292 रुपए लिया गया है। 

निगरानी और हेल्पलाइन सुविधाओं का अभाव 

एक समर्पित निगरानी प्रणाली के अभाव में इस वसूली पर कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। हालांकि किराया उल्लंघन पर 2000 से 10000 तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है लेकिन दिक्कत यह है कि यात्रियों को शिकायत करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर आसान शब्दों में कहें तो शिकायत सिर्फ और सिर्फ आरटीओ कार्यालय में ही दर्ज की जा सकती है। इसके लिए कोई भी हेल्पलाइन नंबर या फिर ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है। 

कंपनियां जवाबदेही से बचाती हैं 

यात्रियों ने एक प्रमुख चिंता उठाई है कि आमतौर पर व्यक्तिगत चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है लेकिन किराए वसूली का नियंत्रण मुक्त कैब या फिर ऑटो एग्रीगेटर कंपनियों के पास ही होता है। यही वजह है कि कंपनी बिना किसी प्रत्याशी दंड के बढ़ा हुआ किराया वसुंधरा जारी रख पाती है। 

13 वर्षों से अटका हुआ किराया संशोधन 

आपको बता दें कि किराया युक्तिकरण की बढ़ती मांग के बावजूद भी ऑटो और कैब सेवाओं की आधिकारिक दरों में 13 सालों से कोई भी संशोधन नहीं किया गया है। परिवहन विभाग द्वारा ढाई महीने पहले किराया संरचना को अपडेट करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक कोई मंजूरी नहीं मिल पाई है। 

वसूली बनाम वर्तमान किराया संरचना 

आपको बता दें वर्तमान में 5 लीटर पेट्रोल कैब पहले 2 किलोमीटर के लिए ₹100 और 16 से 20 किलोमीटर के लिए ₹370 तक का किराया लेती है। हालांकि डीजल कैब समान दूरी के लिए ₹400 तक का किराया लेती है। लेकिन अब पहले 2 किलोमीटर के लिए किराए को बढ़ाकर ₹150 से ₹200 वसूला जा रहा है और इतना ही नहीं बल्कि लंबी दूरी यानी की 16 से 20 किलोमीटर के लिए पेट्रोल कैब का किराया ₹900 तक पहुंच चुका है। और रही बात 5 से ज्यादा सीटों वाली बड़े वाहनों के किराए की तो वह भी लगभग कितना ही बढ़ रहा है। 20 किलोमीटर के लिए मौजूदा किराया₹510 है और वसूल ₹980 तक जा रहा है। 

बारिश के कारण गतिशील मूल्य निर्धारण में तेजी 

यह सब कुछ उचित किराया विनियमन का अभाव, मंजूरी में देरी और सुलभ शिकायत प्रणाली के अभाव की वजह से ही हो रहा है। इसी वजह से यात्री कैब कंपनियों और ऑटो चालकों के रहमो-करम पर ही निर्भर है। इसी वजह से अब जयपुर, जोधपुर और कोटा जैसे शहर में रोजाना आना-जाना आम आदमी के लिए काफी ज्यादा महंगा हो गया है।

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