Farmer News:राज्य भर में रबि सीजन की बुवाई अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। कृषि विभाग के मुताबिक ज्यादातर किसानों ने सरसों चना और जौ की बुवाई लगभग पूरी कर ली है। आपको बता दें कि इन फसलों में इस बार 97% तक बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में बेहतर मानी जा रही है। रिपोर्ट के मानें तो गेहूं की बुवाई केवल 77% ही हो पाई है।
तारामीरा का लक्ष्य का आधा ही बोया जा सका
ऐसे में कैसे एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले दिनों में मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते, सिंचाई के कम संसाधन और किसानों का रुझान बदले की वजह से गेहूं की धीमी बुवाई हुई थी। वहीं जिन इलाकों में सिंचाई के साधन सीमित है। वहीं तारामीरा की बुवाई कम होने से किसानों की चिंता और भी बढ़ गई है। ऐसे में तारामीरा का लक्ष्य का आधा ही बोया जा सका है। वहीं अब दिसंबर में कुछ दिन पचेती खेती की जा सकती है जिसमें उत्पादन प्रभावित होगा। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार प्रदेश में 1144 हजार हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई की गई है।
सरसों की बुवाई 97% तक पहुंच गई
आंकड़ों के मुताबिक इस बार सरसों की बुवाई 97% तक पहुंच गई है, जबकि चना और जौ की बुवाई क्रमशः 92% और 90% दर्ज की गई है। कृषि विभाग का कहना है कि आने वाले दो सप्ताह किसानों के लिए बहुत खास हो सकते हैं क्योंकि मौसम में अचानक बदलाव इन फसलों को प्रभावित कर सकता है।
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ऐसे में एकसप सलाह है कि किसान सिंचाई के समय फसल की जरूरत का ध्यान रखें। विभाग ने किसानों को यह भी सुझाव दिया है कि वे फसल सुरक्षा के लिए आवश्यक दवाइयों और तकनीकी उपायों का समय पर उपयोग करें।







