New Update JDA: पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। विकास प्राधिकरण द्वारा जाली या छेड़छाड़ किए गए लीज दस्तावेजों के माध्यम से एक ही प्लॉट पर कई बैंकों द्वारा लोन लेने से व्यक्तियों को रोकने के लिए एक नई डिजिटल प्रणाली की शुरुआत की गई है। एक नई प्रणाली के लागू होने के बाद बैंकों को अब किसी भी नए भूखंड मालिक या ऋण को मंजूरी देने से पहले जेडीए-लीज की गई संपत्तियों के पूर्ण स्वामित्व और ऋण स्थिति की जानकारी तक पहुंच प्राप्त होगी।
संपत्ति आईडी के जरिए डिजिटल प्रदर्शित
इसमें विकास प्रणाली के अंतर्गत जेडीए द्वारा लीज की गई हर संपत्ति को एक आईडी दी जाएगी। अब जब कोई भी लीज धारक रन के लिए आवेदन करता है तो बैंक संपत्ति आईडी का उपयोग करके प्लॉट के पूरे इतिहास के बारे में जान पाएगा। इसमें पिछले भूखंड मालिक, आवंटन विवरण, लीज की जानकारी, कब्जा पत्र और नीलामी में भागीदारी सब कुछ शामिल है।
एक बार जब भी कोई संपत्ति बैंक के पास गिरवी रख दी जाती है और ऋण को स्वीकृत कर दिया जाता है तो सिस्टम खुद ब खुद संपत्ति आईडी को लॉक कर देगा। इसके बाद बंधक के साफ होने तक कोई भी ऋण स्वीकृति के लिए यह पहुंच से बाहर हो जाएगी।
बैंकों के लिए वन क्लिक सत्यापन
यह नई प्रणाली बैंकों को यह निर्धारित करने के लिए वन क्लिक सत्यापन करने में सक्षम बनाएगी की कोई भी संपत्ति पहले से ही लोन के अंतर्गत है या इसे कहीं और गिरवी रखा गया है। इस पहल के बाद धोखाधड़ी में काफी कमी आएगी। इस नई प्रणाली में एकीकृत विशेषताएं शामिल हैं। जैसे: ई लीज विवरण, आवंटन और कब्जे के पत्र, ई नीलामी पत्र, ऋण और भूखंड मालिक की स्थिति।