Onion Seed Production In Alwar : प्याज एक ऐसी सब्जी है जिसकी डिमांड और खपत पूरे देश में है। ऐसे तो प्याज का उत्पादन ज्यादातर जगहों पर होता है लेकिन राजस्थान का अलवर जिला आजकल प्याज बीज उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। हमेशा की तरह इस साल भी किसान बड़े पैमाने पर प्याज का बीज तैयार करने में जुट गए हैं। अलवर के किसान लाल प्याज का उत्पादन लंबे समय से कर रहे हैं और इससे उन्हें अच्छी खासी कमाई भी हो रही है। अब प्याज के बीज के लिए उन्हें गुजरात व महाराष्ट्र पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। बल्कि अपने खेतों में वे खुद बीज तैयार कर रहे हैं।
अन्य जिलों में भी किसान तैयार कर रहे हैं बीज
अलवर जिले के अलावा किशनगढ़ बास के किसान भी प्याज का बीज तैयार करने में जुटे हैं। इन किसानों ने बीज के लिए स्टॉक पहले से ही तैयार कर रखा है। इससे उन्हें 15 अगस्त के बाद शुरू हो रही प्याज की बुआई के लिए कोई समस्या नहीं होगी। जाट का गांव के कुछ किसान 8-10 साल से पंचगंगा बादशाह नामक बीज तैयार कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर दूसरे किसान भी उनसे बीज लेते हैं।
बीज तैयार होने की प्रक्रिया
सबसे पहले खेत में गोबर की खाद व उर्वरक डाला जाता है। इसके बाद मार्केट से प्याज का कण लेकर खेत में बुआई की जाती है। पौधा निकलते ही खरपतवार हटाने के लिए निराई गुड़ाई कर दी जाती है, इससे वहां की मिट्टी ढीली हो जाती है। इस प्रक्रिया से बीज अच्छी तरह से विकसित हो जाता है। इसके साथ ही पोटाश, डीएपी, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स, जिंक, और यूरिया की भी उचित मात्रा डाली जाती है। इस प्रकार 4 से 5 महीने में बीज अच्छे से तैयार हो जाता है और उसको सुरक्षित करके रख लिया जाता है।
अब हो रहा ऑर्गेनिक तरीके का इस्तेमाल
अलवर के किसानों ने अब प्याज के बीज को ऑर्गेनिक तरीके से भी उगाना शुरू कर दिया है। अब किसान रासायनिक खादों के स्थान पर गोबर की खाद व दूसरी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे बीज पहले से बेहतर गुणवत्ता वाले हो रहे हैं।
बढ़िया कमाई
किसानों द्वारा खुद बीज तैयार करने से 1 बीघा खेत से 3-4 लाख रुपए की कमाई हो जाती है। खुद तैयार किए गए बीज की गुणवत्ता तो बेहतर होती ही है और बढ़िया उपज होने से कमाई भी पहले से काफी ज्यादा होने लगी हैं।
यह भी पढ़ें...Organic Gardening Tips : रेतिली जमीन पर भी लहलहाई फसल, दिलावटी किसान ने बदली तस्वीर... बकरी की खाद से रेतीली जमीन बनी उपजाऊ