Jodhpur Street Food: जोधपुर जो अपने नीले रंग के घरों की वजह से ब्लू सिटी के रूप में जाना जाता है अपनी शाही विरासत के साथ-साथ स्ट्रीट फूड के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां का असली मजा आपको किसी आलीशान होटल में नहीं बल्कि चहल-पहल वाली गलियों में मिलेगा। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी जगह के बारे में जहां आपको जोधपुर का बेस्ट स्ट्रीट फूड चखने को मिलेगा वह भी  दशकों पुरानी रेसिपी के साथ।

शाही समोसा 

अगर आप जोधपुर जाएं और शाही समोसा ना खाएं तो आपकी यात्रा पूरी नहीं होगी। यह शाही समोसा 1984 में आनंद प्रकाश अरोड़ा द्वारा बनाया गया था। यह समोसा मेहरानगढ़ किले की भव्यता से प्रेरित था। इस समोसे में मैश किए हुए आलू भरे होते हैं और इस सूखे मेवों के साथ परोसा जाता है।  इस समोसे की कीमत मात्र 22 रुपए है। 

मखनिया लस्सी और पेड़े

श्री मिश्रीलाल होटल जो की घोड़ा टावर के पास स्थित यह दुकान भारत की सबसे गाढ़ी और मलाईदार लस्सी पर परोसती है। इस लस्सी को मिट्टी के कुल्हड़ में परोसा जाता है और ऊपर से मलाई डाली जाती है। यह लस्सी इतनी गाढ़ी होती है इस को खत्म करने के लिए आपको चम्मच का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह लस्सी मात्र 35 रुपए प्रति गिलास में मिलती है। इसके अलावा यहां के पेड़े भी काफी मशहूर है। 

मोटू जलेबी 

मोटू जलेबी वाला की दुकान डेढ़ सौ साल पुरानी है। यहां पर बड़ी जलेबियां मिलती हैं। यह जलेबियां महज आकार में बड़ी होती है, बाकी यह जलेबी पतली, कुरकुरी और हमेशा ताजी होती है। इन जलेबियों को सुनहरा ताला जाता है और यें मात्र ₹280 रुपए प्रति आधा किलो के रेट से बेची जाती है।

जोधपुरी काबुली

जोधपुरी काबुली को चखने के लिए आप विजय रेस्टोरेंट जा सकते हैं। यह व्यंजन अफगानी काबुली बिरयानी का स्थानीय रूप है। इसे बनाने के लिए चावल को गाजर, रतालू शकरकंद और गट्टा जैसी तली हुई मौसमी सब्जियों के साथ परोसा जाता है।  फिर इसमें सूखे मेवे भी डालकर इसे एक सील बंद बर्तन में पकाया जाता है। यह बिरयानी ₹90 प्रति प्लेट की कीमत पर मिलती है। 

मावा कचोरी 

यहां की एक और खास डिश का नाम है मावा कचोरी।  इस मिठाई को तैयार करने के लिए कचोरी को मीठे मावा, मेवे और इलायची से  भरकर डीप फ्राई कर दिया जाता है और उसके बाद चीनी की चाशनी में डुबो दिया जाता है। यह मिठाई ₹50 पर पीस के रेट से परोसी जाती है।

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