Rajasthan Spa Policy : राजस्थान की राजधानी जयपुर के अलावा तमाम बड़े शहरों में स्पा सेंटर्स का व्यवसाय बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। लेकिन कई दफा उन सेंटर्स की ओर से यह शिकायत दर्ज कराई गई है कि सरकारी एजेंसियां बार-बार उसे सेंटर्स का उत्पीड़न करती है। जिसके कारण व्यवसाय चलाने में दिक्कत आ रही है ।

स्पा सेंटर्स के उत्पीड़न पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार को नीति बनाने के निर्देश

इसी को लेकर हाईकोर्ट में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिस मामले में सुनवाई हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं। कि अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस और सपा केंद्र संचालन के लिए कोई बेहतर नीति बनाई जाए ताकि व्यवसाय करने वालों को दिक्कत ना आए अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होने वाली है ।

स्पा सेंटर्स के उत्पीड़न पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता

न्यायाधीश डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह भाटी तथा न्यायाधीश विपिन गुप्ता की खंडपीठ में या याचिकाकर्ता ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में वालंटियर या स्वरोजगार करने वालों ब्यूटी पार्लर मसाज और सपा केंद्र संचालकों का सरकारी एजेंसियां उत्पीड़न करती है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के हाली फैसले का भी हवाला दिया और उन्होंने कहा वहां याचिका को अभ्यावेदन के रूप में स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को उसे पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है । 

दिल्ली-महाराष्ट्र जैसी नीति लाने की मांग, कोर्ट में सुनवाई जारी

वहीं याचिकाकर्ता ने हरियाणा राज्य विधि आयोग की सिफारिश और दिल्ली तथा महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी सपा और मसाज केदो के नीति का भी उल्लेख किया और बताया कि राजस्थान में भी कुछ इस प्रकार की नीतियां अपनाई जा सकती है। जिससे उनका व्यवसाय बेहतर तरीके से चल सके राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वासन देते हुए कहा कि एजेंसियों की ओर से किसी भी तरह का अवैध उत्पीड़न नहीं किया जा रहा है ।

अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी तभी इस पर स्पष्ट हो पाएगा कि हाई कोर्ट का इसमें क्या रोक है क्या हाई कोर्ट राज्य सरकार पर नीति बनाने का आदेश देता है या फिर सरकारी एजेंसियों पर लगाए जा रहे आरोपों का खंडन करती है।

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