Jaipur Accident: राजधानी जयपुर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आपका भी दिल दहल उठेगा। रविवार रात बांदीकुई आगरा-ट्रैक पर पंचमुखी के पास एक पिता अपने दो बच्चों को गोद में लेकर ट्रेन के सामने रेलवे ट्रैक पर कूद पड़ा। लेकिन आप खुदा की करिश्मा देखिए कि पिता की तो मौत हो गई, लेकिन दोनों बच्चे जिंदा बच गए। इस हादसे में पिता का सिर धर से अलग हो गया, उसके एक पैर और हाथ कट गए। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
एक बच्चे की कटी 3 ऊंगलियां
दूसरी और दोनों बच्चों की जान बच गई। हालांकि एक बच्चे के हाथ के तीन उंगलियां कट गई, जबकि दूसरे बच्चे को मामूली चोट आई है। कयास लगाया जा रहा है कि जब पिता दोनों बच्चों को गोद में लेकर ट्रेन के सामने कुदे, तो दोनों बच्चे छीटककर दूर चले गए होंगे, जिसके कारण उसकी जान बच गई। रात में जब लोगों ने वहां से बच्चों के रोने की आवाज सुनी, तो मौके पर पहुंचे और पुलिस को इसकी खबर की।
शव के पास खड़े रो रहे थे बच्चे
सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चों को एंबुलेंस से बांदीकुई उप जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिलाया और फिर जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती किया। बसवा थाने के नाइट ड्यूटी ऑफिसर सतीश चौधरी ने मामले को लेकर बताया कि हादसे की सूचना रात के करीब 12:00 बजे मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो मौके पर पिता का शव पड़ा था और शव के पास दोनों बच्चे खड़े होकर रो रहे थे।
गृह क्लेश का लग रहा मामला- पुलिस
मृतक की पहचान नंदेरा निवासी बबली सैनी के रूप में हुई है, जो कि 35 साल का था। उनके दोनों बच्चों में से एक साढे चार साल के उमंग और दूसरे 3 साल के हर्षित घायल हो गए। उमंग के एक हाथ की तीन उंगलियां कट गई। हादसे की सूचना मृतक के परिजनों को भी दी गई। मृतक के भाई ने इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। प्रथम दृष्टि से पुलिस को या मामला गृह क्लेश का लग रहा है। इसी को मानकर पुलिस जांच में जुट गई है। वहीं हादसे से 50 मीटर दूर युवक की बाइक भी खड़ी मिली।
अपने परिवार संग जयपुर में रहता था युवक
युवक की पत्नी जयपुर में ही थी और युवक बच्चों को लेकर बंदी कुआं पहुंच गया और वहां से अपने गांव नंदेरा के पास पंचमुखी के पास रेलवे लाइन पर पहुंच गया और खुदकुशी कर ली। युवक की पत्नी को सोमवार सुबह सूचना देकर नंदेरा गांव बुलवाया गया है। बता दें कि युवक जयपुर में कार चलता था, उनके पिता गंगा सराय खेती करते हैं। जबकि उनका छोटा भाई निर्देश मजदूरी करता है। युवक पिछले 7 साल से अपने परिवार के साथ जयपुर में रहता था, जबकि वह 6 दिन पहले ही अपने गांव नंदेरा एक जान के अंतिम संस्कार में आया था।
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