Mor Talab: राजस्थान के भरतपुर जिले के पास एक मोर तालाब गांव है। बयाना तहसील में स्थित इस गांव को लेकर एक अनोखी और आकर्षक जीवन शैली जुड़ी हुई है। दरअसल यहां पर ग्रामीण हर 6 महीने में अपने पूरे परिवार और पशुधन को लेकर पहाड़ और मैदान के बीच स्थानांतरित करते रहते हैं। आईए जानते हैं इससे जुड़ी हुई सभी मुख्य बातें।
एक गतिशील गांव
यह गांव अरावली पहाड़ियों के उबड़ खाबड़ इलाके में समुद्र तल से लगभग 800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। बरसात के दौरान जब मौसम ठंडा हो जाता है और पानी की मात्रा अधिक हो जाती है तो ग्रामीण अपने पहाड़ी घरों में चले जाते हैं। बरसात के मौसम में यह जगह हरियाली से भर जाती है और मवेशियों को भरपूर मात्रा में चारा मिलता है।
लेकिन जैसे-जैसे गर्मी का मौसम आने लगता है यहां पर पानी की कमी होने लगती है। इसी वजह से गांव वाले मैदानी इलाकों में अपने घरों में रहने के लिए पहाड़ से नीचे उतर आते हैं।
पशुपालन में निहित आजीविका
इस गांव में 200 से भी ज्यादा गुर्जर परिवार रहते हैं। इनका मुख्य आजीविका पशुपालन ही है। इन गांव वालों के पास सैकड़ो मवेशी है जो रोज बहुत ज्यादा मात्रा में दूध देते हैं। हालांकि यहां के गांव वाले पूर्ण रूप से प्रकृति और अपने संस्कृति से जुड़े हुए हैं लेकिन फिर भी उन्हें कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
बच्चों की शिक्षा
यहां की सबसे बड़ी चुनौती बच्चों की शिक्षा है। जब परिवार पहाड़ों पर रहता है तो बच्चों को मैदानी इलाकों में स्कूल जाने के लिए लगभग 5 किलोमीटर की खाड़ी से नीचे उतरना होता है। यह न केवल शारीरिक रूप से कठिन परिस्थिति है बल्कि खतरनाक भी है।