Gir Cow In Barmer: राजस्थान के बाड़मेर जिले के पशुपालकों की अब किस्मत बदलने वाली है। अब यहां दूध की नदियां बहने वाली है। कृषि और पशुपालन क्षेत्र में तकनीक ने एक बार फिर बड़ा कमाल कर दिखाया है। बाड़मेर जिले में ब्राजील से आई हाईटेक सीमन तकनीक ने दूध उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाई है। अब गाय पहले की तरह नहीं बल्कि इस तकनीक से तैयार की गई गायों की नस्ल अब 50 लीटर तक दूध दे सकती है। महीने में नहीं बल्कि प्रतिदिन 50 लीटर दूध देने की क्षमता है। इस पहले से पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगी और वो सशक्त बना सकेंगे। कुछ दिनों में बाड़मेर अब दूध उत्पादन के लिए भी जाना जाने लगेगा। यह तकनीक पशुपालकों के लिए वरदान साबित करने वाली है।
अब देसी गायें भी देंगी 50 लीटर दूध
ब्राजील से आई हाईटेक सीमन की मदद से दूध उत्पादन में बड़ा इजाफा होगा। इससे देसी गायों के नस्लों को भी सुधारा जा रहा है। गिर नस्ल की गायों की दूध देने की क्षमता लगभग 40 से 50 लीटर तक है।
पशुपालकों की बढ़ेगी आमदनी
इस योजना के जरिए अब पशुपालकों की आमदनी में इजाफा होगा। गिर नस्ल की गाय की दूध देने की क्षमता सबसे अधिक होती है। गिर नस्ल की गायों की दूध देने की क्षमता देसी नस्ल की गायों से कई गुना ज्यादा होती है।ऐसे में दूध की बिक्री भी बढ़ेगी और पशुपालकों के लिए फायदा होगा। गिर नस्ल की गाय दूध उत्पादन में सबसे आगे है।
सबसे पहले यह तकनीक बाड़मेर जिला में लागू
सबसे पहले राजस्थान के बाड़मेर जिले को इस मॉडल के लिए चुना गया है। अगर यह योजना सफल हुई तो आने वाले दिनों में राजस्थान के और भी जिलों में इस योजना को लागू किया जाएगा। जिससे कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी।
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