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Mokshdham Baby Case: जयपुर के श्मशान घाट पर कोई 10 दिन की मासूम बच्ची को फेंक गया। जहां ममता शर्मसार होती दिखी तो वहीं महिला पुलिस इंस्पेक्टर की ममता देख मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई।

Mokshdham Baby Case: जयपुर के चांदपोल पर श्मशान घाट से आंखें नम कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां बीते दिन एक मासूम बच्ची को कपड़े में लपेटकर विश्राम स्थल के पीछे फेंक गया। बच्चों का जन्म 10 दिन पहले ही हुआ था। मिली जानकारी के मुताबिक चांदपोल श्मशान घाट में दोपहर के समय एक बच्ची मिली।  जिसकी सूचना मिलती है ट्रैफिक टीआई कविता शर्मा मौके पर पहुंची, जहां उन्हें एक नवजात बच्ची रोते हुए मिली। बच्ची को कपड़े में बांधकर स्थल के पीछे फेंका गया था। बच्ची की आवाज सुनकर मौके पर लोग इकट्ठा हो गए थे और बच्ची को सभी देख हैरान थे, कि इतनी मासूम बच्ची को लोग खुले स्थान पर कैसे छोड़ कर फेंक गया।

मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई

वहीं मौके पर पहुंचने के बाद जैसे ही कविता शर्मा ने बच्ची को उठाया बच्ची ने तुरंत रोना बंद कर दिया और वह एकदम शांत हो गई। इंस्पेक्टर ने बच्ची को अपने आंचल से ढकते हुए दुलार किया जिसके बाद बच्ची के चेहरे पर मुस्कान आ गई। यह देखने के बाद मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। इसके बाद कविता शर्मा ने तुरंत कंट्रोल रूम और संबंधित थाने को सूचना दी और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने सभी चेकअप करने के बाद उसे पूरी तरह स्वस्थ बताया है।

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पुलिस मामले की छानबीन करने में छूट गई है

फिलहाल बच्ची को देखभाल के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को दे दिया गया है। जिससे आगे की प्रक्रिया कानूनी रूप से की जा सके। वहीं पुलिस मामले की छानबीन करने में छूट गई है। आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरा से फुटेज खंगाल रही है, जिससे पता लगाया जा सके कि बच्ची को किसने और किस वक्त वहां छोड़ा। इसके साथ ही अस्पतालों से भी जानकारी जुटाने में लगी हुई है। इस तरह से बच्चों को लावारिस फेंक जाने के मामले आएदिन सामने आते रहते हैं, जोकि समाज के लिए गहरी चिंता का विषय बनता जा रहा है।

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