Rajasthan Queen Story: राजस्थान का अनोखा इतिहास है, जिसके कारण आज राजस्थान को पूरे विश्व में पहचाना जाता है। राजस्थान के इतिहास में की कई ऐसी कहानियां मौजुद है, जो सबसे अनोखी है। इतिहास की इन कहानियों कुछ कहानियां अटूट प्यार को दर्शाति है, तो कई बलिदान, सहास, नफरत की कहानियां जो हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में लिख गई। ऐसी ही राजस्थान में स्वाभिमानी रानी की मौजुद है, जिनका नाम आज भी इतिहास में गूंजता है।
कौन थी रूठी रानी
रूठी रानी का नाम उमादे था, जो जैसलमेर के राजा राव लूणकरण की बेटी थी। वो बहुत ही खूबसूरत हुआ करती थीं, इनकी खूबसूरती के चर्चे सभी जगह होते थे। वो सुंदर के साथ काफी प्रखर बुद्धि की भी थी। रानी उमादे की शादी युद्ध को टालने के लिए जोधपुर के राजा मालदेव से उनके पिता ने करवायी थी।
मालदेव से हुई थी उमादे की शादी
राजस्थान में 1530 के समय राजा मालदेव जोधपुर के राजा थे, उस समय उन्होंने अपने राज्य की सीमा का भी विस्तार किया था। वहीं बता दें कि राजा मालदेव को चक्रवर्ती राजा के नाम से जाना जाता है। वो अपनी राज्य विस्तार किए जाने को लेकर जैसलमेर पर आक्रमण करने वाले थे। तब ही जैसलमेर के राजा राव लूणकरण ने युद्ध को रोकने के लिए अपनी बेटी उमादे की शादी का प्रस्ताव मालदेव के सामने रखा। लेकिन राजा पहले से ही शादी शुदा था।
कैसे पड़ा उमादे की रूठी रानी नाम
रानी उमादे के साथ कई दासियां दहेज में भेजी गई, बता दें कि पहले ये एक प्रथा थी कि रानी के रहने वाली सभी कुवांरी दासियो को रानी के ससुराल भी जाना पड़ेगा और वहां भी रानी के साथ राजा की सेवा करनी पड़ेगी। इन सभी दासियों में सबसे खूबसूरत दासी भारमली थी, जो रानी की तरह रुपवती थी।
शादी की रात राजा ने बहुत शराब पी ली थी, जिसके कारण रानी ने भारमली को भेजा कि वो राजा को ले आए। लेकिन राजा भारमली को देख मोहित हो गए और उसके साथ संबंध बनाने लगे। तब रानी काफी देर इंतजार करते-करते स्वंय वहां जा पहुंची। और राजा को दासी के साथ देखकर वो राजा से गुस्सा हो गई और उनसे रूठी रही। इसी तरह उनका नाम उमेद से रूठी रानी पड़ा।
जिंदगी भर रूठी रही थी रानी
राजा के कई बार माफी मांगने पर भी रानी उनसे रूठी रही और सम्पूर्ण जीवन राजा से बात भी नहीं की। जिंदगी भर राजा का मुंह न देखने का प्रण लिया, हालांकि रानी ने अपने पत्नी के सभी धर्म निभाए। जब राजा की मृत्यु हो गई तब रानी ने सती होकर अपना बलिदान दिया। इसकी कारण से वे आज भी रूठी रानी के नाम से जानी जाती हैं।
इसे भी पढ़े:- Maharaja Surajmal Cast : महाराजा सूरजमल कौन थे जाट या राजपूत? ऐतिहासिक तथ्यों के साथ जानिए हकीकत