Amer Kila : जयपुर का आमेर किला अपनी शाही भव्यता के लिए जाना जाता है। ये किला बनाने में 100 साल लगे और आज ये राजस्थान की सबसे खूबसूरत ऐतिहासिक जगहों में से एक बन चुका है। अरावली की पहाड़ियों पर बने इस किले की वास्तुकला, बड़े-बड़े दरवाजे, चमकता शीश महल और खूबसूरत बाग-बगिचे हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है। यहां तक पहुंचने का रास्ता और हाथी की सवारी का अनुभव तो और भी मजेदार है। आईए जानते हैं इस अनोखे किले के बारे में...
किले को बनाने में 100 साल का समय लगा
इस किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मानसिंह ने शुरू करवाया। इसके बाद इस आमेर के कीले को सवाई जय सिंह द्वितीय और राजा जय सिंह प्रथम ने इसे आगे बढ़ाया। जिसको पूरा होने में लगभग 100 साल का समय लगा। यह किला वास्तुकला का अनूठा नमूना है। किले तक पहुंचाने के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र हाथी की सवारी है जो फिलहाल नवरात्रि श्रद्धालुओं को देखते हुए उनके सुरक्षा की दृष्टि से अस्थाई तरीके से इस पर रोक लगाई गई है।
किले के अंदर सबसे खूबसूरत शीश महल
अगर आपके किले के अंदर प्रवेश करते हैं तो आपको केले के मुख्य द्वार पर सबसे बड़ा बरामदा देखने को मिलेगा। जो इस किले का सबसे बड़ा हिस्सा है। अंदर आपको शीश महल देखने को मिलेगा जो शीशे का बना हुआ होता है। जिस पर रोशनी पड़ते ही इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाती है।
2 किलोमीटर लंबी सुरंग और खूबसूरत बाग
इस किले के अंदर आपको एक खूबसूरत बाग भी देखने को मिलेगा। जिसमें आपको अनेकों प्रकार के पेड़ पौधे देखने को मिलेंगे। आमेर के किले में कुल 9 दरवाजे हैं। हर दरवाजे की अपनी एक खास पहचान है। मुगल और राजपूताना वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलेगा। इस किले के अंदर एक झील भी है जिसकी बारिश के समय में खूबसूरती बढ़ जाती है।
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