SIR Controversy: राजस्थान में मतदाता सूची संशोधन को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है। कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे के आमने सामने दिख रहे हैं। इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जब SIR की शुरुआत हुई थी, इस दौरान भी विपक्ष ने सरकार के इस फैसले का खूब विरोध किया था। लेकिन फिर भी इस योजना के तहत मतदाता सूची में संशोधन किया गया और अब राजस्थान में ऐसा ही मामला सामने आ रहा है।
2028 चुनाव की तैयारी तेज
बता दें कि राजस्थान में 2028 में विधानसभा चुनाव होना है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने यहां भी मतदाता सूची संशोधन करने का आदेश दिया है। इसके खिलाफ कांग्रेस लगातार आवाज उठा रही है। कांग्रेस चुनाव आयोग और बीजेपी पर यह आरोप लगा रही है कि दोनों की मिलीभगत से आम लोगों के वोट काटे जा रहे हैं, जो लोग वोट देने के पात्र हैं, उनका नाम भी सूची से हटाया जा रहा है। जबकि फर्जी तरीके से अपने लोगों के नाम बार-बार ऐड किया जा रहे हैं, ताकि चुनाव में इसका फायदा बीजेपी को हो सके।
अशोक प्रणामी का कांग्रेस पर हमला
इसी को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के सामने हैं और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर पहुंच चुकी है। एक तरफ भाजपा इसको लेकर सफाई देते हुए कहती है कि मतदाता सूची की सफाई लोकतंत्र की रक्षा है, जबकि कांग्रेस इसे आम लोगों के लिए खतरनाक बता रहे हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्य निर्वाचन प्रभारी अशोक प्रणामी ने इसको लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोल दिया है।
इसलिए विरोध कर रही कांग्रेस- बीजेपी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य में बांग्लादेशी, रोहिंग्या, पाकिस्तान और अन्य विदेशी घुसपैठियों को जगह दिया जा रहा है और उनके वोटर आईडी कार्ड भी बनवाई जा रहे हैं। ऐसे लोग कांग्रेस को एकमुश्त वोट देते हैं। अब SIR के बाद उन लोगों का नाम काट दिया जाएगा, जिससे कांग्रेस को नुकसान होगा, इसलिए कांग्रेस इसका विरोध कर रही है।