Rajasthan Politics: राजस्थान के उभरते नेता नरेश मीणा अपने बयान को लेकर एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। नरेश मीणा जिस थप्पड़ कांड से मशहूर हुए थे, उस घटना का जिक्र एक बार फिर होने लगा है। इसकी शुरुआत नरेश मीणा ने ही की। अपने जनसभा को संबोधित करते हुए नेता जी ने फिर से ललकार भरी और कहा कि तू तो एसडीएम है, अगर तेरी तरह सुधांश पंत गलती करेगा तो उसे भी थप्पड़ पड़ेगा।

शब्दों की मर्यादा पार करना कितना सही?

बता दें कि सुधांश पंत एक आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में राजस्थान के मुख्य सचिव हैं। ऐसे में जनता के मन में भी सवाल सिर्फ एक ही है कि आखिर नेता जी को क्या जरूरत पड़ गई जो चीफ सेक्रेटरी तक को नहीं छोड़ रहे हैं। हां जो गलत कर रहे हैं, उसके खिलाफ आवाज उठाना लाजमी है, लेकिन इसके लिए क्या शब्दों के मर्यादा को लांघना जरूरी है। झालावाड़ स्कूल हादसे में पीड़ित परिवारों के लिए नरेश मीणा महीनों तक खड़े रहे और सरकार के खिलाफ लड़ाई कर उन्हें इंसाफ दिलाई।  

नरेश मीणा को जाना पड़ा जेल

हालांकि यह भी नेता जी को बहुत महंगा पड़ा। स्कूल हादसे को लेकर सरकार के खिलाफ विवादित बयान देने के कारण उन्हें जेल तक जाना पड़ गया, लेकिन जनता के बीच उन्होंने अपनी छवि जरूर ठीक कर ली। नरेश मीणा जनता के बीच पॉजिटिव इमेज बना ही रहे थे कि एक बार फिर अपने ही आंदोलन में समर्थन करने आए अपने ही समर्थक को लातों से जमकर मारा।

नरेश मीणा का हिंसात्मक बयान

इसका वीडियो भी काफी वायरल हुआ था, जिसमें देखा जा सकता है कि नरेश मीणा कैसे गुस्से से आपा खो देते हैं और अपने समर्थकों को लात ही लात देने लगते हैं। इससे जनता के बीच नरेश मीणा की छवि काफी अच्छी हो गई है और लोग उन्हें राजस्थान का भविष्य भी बता रहे हैं। फिर भी नरेश मीणा इस तरह का हिंसात्मक बयान क्यों देते हैं, यह बड़ा सवाल है।

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