Rajasthan Government: राजस्थान सरकार ने दस्तावेज की प्रक्रियाओं को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आपको बता दें कि अब पावर ऑफ अटॉर्नी किरायानामा और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों का पंजीकरण जरूरी कर दिया है। सरकार के नए नियमों के तहत अब सिर्फ स्टांप पेपर या लॉटरी करवा कर बनाए गए किरायानामा एग्रीमेंट, सर्टिफिकेट नहीं माने जाएंगे। इन सभी दस्तावेजों का पंजीकरण करना जरूरी होगा।
दस्तावेजों का पंजीकरण करना जरूरी
सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि जमीन सहित अन्य संपत्तियों से जुड़े विवाद धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की घटनाओं पर रोक लगा सके। वहीं नए नियम लागू होने के बाद आप किसी भी प्रकार का मुख्यारनामा किराया समझौता के एग्रीमेंट तभी वैध माना जाएगा जब वह विधिवत पंजीकृत हो। इससे राजस्व बढ़ेगा ऑनलाइन लेन-देन की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और कानूनी रूप से अनिवार्य हो जाएगी।
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आमजन को मिलेगा लाभ
ऐसे में सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की पावर ऑफ अटॉर्नी, किरायानामा या लॉज डीड तैयार किए जाने के बाद उसका रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। बिना पंजीकरण के ऐसे दस्तावेजों पर कोई दावा या अधिकार स्वीकार नहीं किया जाएगा और न हीं वह अदालत में मान्य रहेंगे। वहीं नई प्रणाली शुरू होने के बाद आमजन को भी लाभ मिलेगा क्योंकि एक बार दस्तावेज के पंजीकृत हो जाने के बाद उसके कानूनी प्रमाणिकता सुनिश्चित हो जाएगी।