Rajasthan Jobs: राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्त 1200 से ज्यादा शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। दरअसल मंगलवार को अपने आदेश में न्यायालय द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि संशोधित परिणाम में बाहर किए गए किसी भी शिक्षक को सेवा से नहीं हटाया जाएगा।
जारी रहेंगी सेवाएं
न्यायमूर्ति इंद्रजीत सिंह और न्यायमूर्ति भुवन गोयल की खंडपीठ द्वारा स्वाति भट्ट और बाकी द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया गया है कि उम्मीदवारों ने धोखाधड़ी, जालसाजी या फिर गलत बयान में कोई भी संलिप्तता नहीं दिखाई है इस वजह से उनकी सेवाएं जारी रहेंगी।
मामले की पृष्ठभूमि
दरअसल भर्ती प्रक्रिया दिसंबर महीने की 16 तारीख को सन् 2022 में आयोजित की गई थी। परीक्षा में विवादास्पद प्रश्नों को चुनौती दिए जाने के बाद मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया था। एकल पीठ के आदेश के बाद एक विशेष समिति को गठित किया गया जिस समिति ने परिणामों में संशोधन किया। इस संशोधित मेरिट सूची में पूर्व सैनिक उम्मीदवारों को छोड़ दिया गया था।
इससे प्रभावित शिक्षकों ने यह प्रक्रिया ताकि उनकी नियुक्ति 18 महीने पहले मूल मेरिट सूची के आधार पर की गई थी और कई ने तो शिक्षक बनने के लिए अपनी बाकी नौकरियां भी छोड़ दी थी। उन्होंने तर्क दिया कि यदि चयन बोर्ड की त्रुटियों की वजह से परिणाम संशोधित किया गया था तो उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए।
खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को पलट दिया
एकल पीठ द्वारा यह फैसला सुनाया गया था कि संशोधित परिणाम के बाद जो भी अभ्यर्थी योग्य नहीं रह गए हैं उनकी सेवा को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। लेकिन खंडपीठ ने इस आदेश को पलट दिया है और कहा कि याचिकाकर्ता एकल पीठ के समक्ष पक्षकार भी नहीं थे फिर भी उनके विरुद्ध आदेश पारित किया गया था। इसी के साथ उन्होंने आगे कहा की यह संशोधन विवादित प्रश्नों के उत्तर कुंजियां में परिवर्तन के कारण हुआ था ना कि अभ्यर्थियों के किसी कदाचार की वजह से। खंडपीठ ने आगे कहा के 2 वर्ष के शिक्षक अनुभव के बाद उन्हें सेवा से हटाना अनुचित रहेगा।
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