Sati Vegetable Health Benefits : बरसात के मौसम में कई तरह की सब्जियां बिना बोए लगाए खुद उग आती हैं। खास बात यह है कि ये सब्जियां स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए भी बेहद लाभदायक होती हैं। इसी तरह राजस्थान के भरतपुर के गांवों में हर साल इसी तरह की एक देसी सब्जी बरसात के दिनों में उग जाती है। यहां के लोग इस सब्जी को साटा या साटी कहते हैं। इसका स्वाद तो बड़ा मजेदार होता है और इसे खाने से शरीर की गर्मी भी कम हो जाती है। पाचन में सुधार व और शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इस सस्ती और सुलभ सब्जी को आप मिक्स सब्जी, भुजिया, रायता, कढ़ी में डालकर खाते हैं तो ये उसके स्वाद को और भी बढ़ा देता है।
बरसात की खास सौगात
साटी एक ऐसी बरसाती सब्जी होती है जिसे न ही बोया जाता है और न ही इसकी कोई देखभाल की जाती है। ये खुद ही जगह जगह उग जाती है ग्रामीण इसे बरसात की विशेष सौगात मानते हैं। बरसात में पैदा होने वाली इस सब्जी की पत्तियां हरी व मोटी होती हैं। साठी का स्वाद भी बढ़िया होता है साथ ही सेहत के लिए लाभकारी भी है।
सेहत के लिए लाभकारी
आयुर्वेद में साटी को शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने वाली सब्जी कहा जाता है। ये पाचन क्रिया में सुधार व रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। साटी को आप कई तरह से बना सकते हैं। ग्रामीण अक्सर साटी की भुजिया हैं जिसमें हल्का मसाला डालकर भी बहुत स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। इसे कढ़ी और मिक्स सब्जियों में भी डाला जाता है। यदि इसका रायता बनाया जाए तो वो स्वादिष्ट होने के साथ साथ शरीर को ठंडा रखता है।
मौसमी वरदान है ये सब्जी
भरतपुर के ग्रामीण साटी को बरसात की सौगात मानते हैं। इसको खाने का असली आनंद बरसात के दिनों में ही मिलता है। ये पारंपरिक सब्जी भरतपुर के ग्रामीणों की जीवनशैली का एक हिस्सा बन चुकी है।
यह भी पढ़ें...Neem Leaves Benefits: सुबह उठते ही चबाएंगे नीम की पत्तियां, मिलेंगे चौंका देने वाले गजब के फायदे