SMS Hospital: राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। अब आपको कॉस्मेटिक प्रोडक्ट पर बहुत अधिक पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में देश का पहला सरकारी कॉस्मेटिक लेजर इंस्टीट्यूट बनने जा रहा है। बताते चलें कि यह इंस्टिट्यूट लंदन के बाद दूसरा है, जो की राजस्थान के जयपुर में बन रहा है। इसे बनाने में 7 करोड़ की लागत आएगी, जिसकी शुरुआत अगले 3 महीने में हो जाएगा।
चेहरे, स्किन और बालों से जुड़े समस्याओं से पा सकेंगे समाधान
इंस्टिट्यूट ऑफ़ डर्मेटोलॉजी में लोग अपने चेहरे, अपने स्किन और अपने बालों से जुड़े सभी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे। गौरतलब है कि अधिकांश लोग खूबसूरत दिखने की चाहत में प्राइवेट डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाकर लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। ऐसे लोगों के लिए अब राहत वाली खबर है कि वह सरकारी अस्पताल में भी चर्म रोग से मुक्ति पा सकेंगे। बताते चलें कि एसएमएस अस्पताल के चरक भवन में डर्मेटोलॉजी तैयार हो गया है। यहां लेजर और कॉस्मेटिक प्रोसीजर से जुड़ी सभी आधुनिक मशीनों की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जो कि अगले तीन माह में शुरू होने वाली है।
अनचाहे बालों को खत्म करने का भी किया जाएगा समाधान
इस संस्थान में झड़ते बालों को दोबारा उगाने से लेकर चेहरे पर मस्से हटाने और अनचाहे बालों को खत्म करने जैसी समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा। इसके साथी ही जन्म से बने दाग-धब्बे, टैटू, पिगमेंटेशन का भी लोगों को समाधान मिलेगा। इस इंस्टिट्यूट ऑफ़ डर्मेटोलॉजी में कई आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी, जो कि इलाज करने में सहायता प्रदान करेगी। चमड़ी पर रोगों की गहराई से जांच के लिए 'डर्मास्कोप' लगाया जाएगा। बाल झड़ने का कारण मोटी और स्कैल्प की जांच के लिए 'ट्राइकोस्कोप' लगाया जाएगा।
डायोड लेजर से हटाया जाएगा अनचाहे बाल
अनचाहे बालों को हटाने के लिए डायोड लेजर लगाया जाएगा। इसके अलावा फ्रेक्शनल कार्बन डाइऑक्साइड चेहरे के गड्ढे भरना और मस्से हटाने का काम किया जाएगा। एनडी-याग लेजर से टैटू, बिरथमार्क और पिगमेंटेशन हटाने का काम किया जाएगा। दूसरी ओर कमजोरी की बीमारी का भी इलाज उपलब्ध होगा, जिसके लिए 'यौन वैलनेस लेजर' लगाया जाएगा। चर्म रोग विभाग अध्यक्ष डॉक्टर दीपक माथुर ने इस सरकारी संस्थान को लेकर बताया कि या न सिर्फ देश का पहला डर्मेटोलॉजी संस्थान है, बल्कि विदेशी स्तर पर चल रहे लंदन के बाद मात्र दूसरा है।
इंस्टिट्यूट को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने की योजना बनाई जा रही है। यहां डॉक्टरों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी, रिसर्च की भी सुविधा होगी और चर्म रोग के नए उपचार भी आएंगे। बताते चलें कि एसएमएस अस्पताल में हर साल चर्म रोग विभाग में करीब चार लाख मरीज इलाज कराते हैं। उसी को देखते हुए ऐसे मरीजों के लिए डर्मेटोलॉजी संस्थान बनाया जा रहा है। इस संस्थान के लिए मशीनी और उपकरणों की खरीदारी हो चुकी है, फिलहाल फर्नीचर इंस्टॉलेशन का काम जारी है।
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