Blue Light Raises Cancer Risk: आज के समय सभी लोगों की लाइफ बिगड़ी हुई है, जिसकी वजह से उन्हें कम उम्र में शरीर में कई तरह की समस्याएं होना शुरू हो जाती हैं। इसका सबसे मुख्य कारण अधिक समय तक फोन और लैपटॉप का इस्तेमाल करना है। वर्तमान में लोग फोन के साथ इतना जुड़ चुके हैं कि उसके बिना एक दिन भी समय बिताना असंभव हो गया है।
कैंसर के बढ़ने का कारण
आज विश्व में कैंसर की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके बारे में कई लोगों का सोचना है कि कैंसर केवल अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाने और दिन भर बिना किसी व्यायाम के आराम करने से होता है। लेकिन शायद लोगों को यह नहीं पता कि केवल कैंसर होने की ये ही वजह नहीं है। इसकी एक वजह फोन और लैपटॉप की ब्लू लाइट भी है, जिसमें मोबाइल और लैपटॉप का देर रात 2 बजे तक इस्तेमाल करने से भी होता है।
फोन और लैपटॉप की ब्लू लाइट से कैंसर
हाल ही में इस पर एक शोध किया गया, जिसमें पाया गया कि एक स्वस्थ मनुष्य का शरीर 24 घंटे एक ही चक्र सर्केडियन रिद्म में काम करता है। यह नींद हार्मोन और शरीर की शारीरिक गतिविधियों को भी कंट्रोल करता है। वहीं देर रात स्क्रीन देखने से शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसकी वजह से मेलाटोनिन हार्मोन की मात्रा कम होने लगती है।
इस मेलाटोनिन हार्मोन का काम शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को उत्पन्न होने से रोकना है। रात को टीवी, मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली नीली रोशनी कैंसर के खतरे को ज्यादा बढ़ा देती है, जिसकी वजह से आज हर तरफ कैंसर की खबर सुनने को मिलती है।
कैसे कम करें कैंसर के खतरे को
अगर आप इस कैंसर के खतरे से बचना चाहते हैं तो सोने से दो घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल न करें। सूर्यास्त के बाद घर की लाइट धीमी रखें, समय पर उठें और समय पर सोने की आदत बनाएं। अंधेरा होने पर मोबाइल को नाइट मोड में रखें और पीली लाइट वाले चश्मे का पहनकर रखें।
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