Sambal Yojana Rajasthan : केन्द्र व राज्य सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से देश के निचले पायदान पर मौजूद लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने व उनको विकास कार्यों से सीधे जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार के इस कार्य में निजी संस्थानों और उद्योगपतियों का भी सराहनीय योगदान मिल रहा है। राजस्थान में संबल योजना के माध्यम से वर्ष 2016 से अब तक 1,750 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश सामाजिक कल्याण के कार्यों में किया गया है। इस पहल में महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, आजीविका, खेलकूद, जल प्रबंधन और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। इन जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत 23 लाख से भी ज्यादा लोगों तक इसका लाभ पहुंचा है। पूरे राज्य में 23 हजार से भी अधिक गांव के लोग इन योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।

महिलाओं और बच्चों के विकास पर विशेष ध्यान

साल 2025 में 3 लाख से अधिक माताओं और उनके बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है, जिनमें स्वास्थ्य सेवाएं, डिजिटल लर्निंग, खेल गतिविधियां और पोषण से जुड़े कार्यक्रम शामिल रहे हैं। शिक्षा की पहल के रूप में शिक्षा संबल और ऊंची उड़ान जैसी योजनाओं ने 35 हजार से भी ज्यादा छात्रों का भविष्य संवारा है। इसी तरह जीवन तरंग योजना ने कौशल प्रशिक्षण के जरिए 2600 से भी ज्यादा विकलांग लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है।

महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ते कदम

राज्य में लगभग 2100 से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं व स्थायी आजीविका के साधनों के जरिए 27000 से ज्यादा महिलाओं को समर्थ बनाया गया है। 

35000 से ज्यादा परिवारों को कृषि से जुड़े रोजगार उपलब्ध 

कोविड संकट के समय फील्ड हॉस्पिटल व ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए थे। सफाई अभियान के तहत उदयपुर के 60 एमएलडी सीवेज उपचार संयंत्र व 50 से ज्यादा गांवों में सुरक्षित पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई। किसानों के लिए भी जारी समाधान योजना के जरिए 35000 से ज्यादा परिवारों को कृषि से जुड़े रोजगार उपलब्ध कराए गए। खेलकूद के लिए भी जिंक फुटबॉल अकादमी व सामुदायिक आउटरीच के माध्यम से 650 से ज्यादा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए अवसर दिया गया है।

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