Rajasthan Culture: राजस्थान अपनी परंपराओ और रीति- रिवाजों से पूरे देश भर में जाना जाता है। वहीं राजस्थान में ऐसी परंपरा देखने को मिल जाएंगी, जिनके अनोखे नाम और रिवाज हैं। राजस्थान की परंपरा जो अक्सर शादियों में ही निभाई जाती है। यदि आपको भी राजस्थान की इन परंपराओं को देखना है, तो आपके लिए सबसे अच्छा अवसर शादी है, क्योकि राजस्थान में इन परंपराओ को शादियों में ही निभाया जाता हैं। 

राजस्थान की पहचान 

राजस्थान की अक्सर वो परंपराएं शादी या किसी विशेष अवसर, त्यौहार पर ही निभाईं जाती हैं। सब राज्यों की अपनी एक पहचान होती है, जिसके कारण को देश में जाने जाते है और जब राजस्थान की बात आती है तो उसे उसकी संस्कृति, पहनावा व परंपराओ से जाना जाता है। हांलाकि राजस्थान को जानने के कई ओर कारण भी है, जो देश भर में प्रसिद्ध हैं।    

क्या है सुहाग थाल परंपरा

राजस्थान में वैसे तो कई परंपरा है जिनको आपने देखा और सुना होगा, लेकिन सुहाग थाल परंपरा के बारे में शायद ही सुना होगा, ये परंपरा जिसका नाम सुहाग थाल है, उसमें सुहाग का अर्थ है कि जिस महिला की शादी हो जाती है, उसको सुहागिन कहा जाता है और उससे पति से जुडीं सभी चीजें सुहागन की निशानी होती है, वहीं थाली का मतलब तो आपको समझ आ ही गया होगा जिसमें भोजन ग्रहण किया जाता हैं।

इस परंपरा में सुहागिन महिलाओं द्वारा दुल्हन के साथ एक विशाल थाली में खाना खाया और खिलाया जाता है, इस परंपरा में नए ससुराल में सबसे पहचान करवाकर दुल्हन का स्वागत किया जाता हैं।

मुंह दिखाई से पहले सुहाग थाल परंपरा

सुहाग थाल परंपरा केवल राजस्थान के राजपूत समाज के परिवारों की औरतों द्वारा ही निभाई जाती है। ये परंपरा शादी के दूसरे दिन यानि की जिस दिन दुल्हन की मुंह दिखाई होती उसी दिन इस परंपरा को किया जाता हैं। जिसमें मुंह दिखाई के पहले इस परंपरा को परिवार की महिलाओं द्वारा निभाया जाता हैं। 

सुहाग थाल परंपरा में शराब की मनवार 

राजस्थान में सुहाग थाल परंपरा में दुल्हन का स्वागत करने का अपना एक अलग ढंग है, जिसमें परिवार की सभी महिलाओं द्वारा साथ मिलकर  दुल्हन के साथ खाना खाया जाता हैं। खाने के साथ ही शराब परोसने की मनवार भी की जाती है, जिसमें सभी महिलाओं द्वारा एक- दुसरे व दुल्हन को शराब का सेवन करवाया जाता हैं। 

इस परंपरा के आधार पर अगर कोई महिला किसी महिला को शराब की मनवार करती है, तो उस महिलाओं को वो शराब का गिलास लेने से इंकार नहीं कर सकती, लेकिन अगर कोई शराब का सेवन नहीं करती है। तब भी उसे गिलास को उनके हाथ से लेना पड़ेगा हां ये  उनकी इच्छा पर निर्भर करता है कि वो शराब ग्रहण करे या नहीं।

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