Rajasthani Manuhar Tradition: शादियों में अमूमन कई ऐसी परंपरा होती हैं जो की वहां की संस्कृति और रीति रिवाज से जुड़ा हुआ होता है। इन सभी रिवाज को ध्यान में रखकर इसको बखूबी पूरा किया जाता है। जो कि वहां के संस्कृति को बखूबी प्रस्तुत भी करता है। राजस्थान में होने वाली शादियों में ऐसे कई तरह के रिवाज शामिल हैं जो की बेहद सांस्कृतिक और पारंपरिक होते हैं। यह रिवाज यहां के संस्कृति की खूबसूरती में चार चांद लगाती है। लेकिन राजस्थान के शादियों में होने वाला एक ऐसा रिवाज है जहां उपहार के तौर पर सोना, चांदी, पैसे कपड़े, फल और मिठाई के अलावा अफीम दी जाती है। आईए जानते हैं की इस रिवाज के पीछे की वजह क्या है?
क्या है पारंपरिक रिवाज मनुहार?
शादी के अवसर पर अक्सर छोटे बड़े तोहफे दिए जाते हैं, जिनमें सोना-चांदी, वस्त्र, आभूषण, मिठाइयां खास तौर पर शामिल होती है। लेकिन राजस्थान में शादी के अवसर पर दी जाने वाली मनुहार एक पारंपरिक उपहार होता है। नए जीवन की शुरुआत के लिए यह उपहार वर और वधु को दिया जाता है। यह खास रिवाज राजस्थान की संस्कृति से अत्यंत गहराई से जुड़ा हुआ है।
ये भी पढ़ें: राजस्थान की अनोखी परंपरा...दहेज में दी जाती थीं कुवांरी कन्याएं, जानें क्या है इसका इतिहास
क्यों दी जाती है उपहार में अफीम?
बेहद पारंपरिक तरीके से शादियों में होने वाला राजस्थान का यह रिवाज मनुहार तब आश्चर्यजनक स्थिति उत्पन्न करता है जब अफीम और शराब की मांग होती है। क्योंकि बता दें की मारवाड़ में अफीम काफी प्रचलन में है। यही वजह है कि मारवाड़ में स्वागत अफीम से किया जाता है।
मनुहार में होने वाले इस रिवाज पर पुलिस लगा चुकी है रोक
मनुहार रिवाज में अफीम और डोडा पोस्त की रोकथाम के लिए पुलिस इस पर रोक लगा चुकी है। जिस वजह से यदि शादी वाले समारोहों में डोडा पोस्त या अफीम की मनुहार की जाती है, तो उस पर कानूनी कार्यवाई होती है।