Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। अगर आप भी घर में गणपति जी की स्थापना कर रहे हैं, तो नीचे दिए गए अभिजीत मुहूर्त में स्थापना कर सकते हैं।

इस बार गणेश चतुर्थी पर सर्वार्थसिद्धि योग और रवियोग रहेगा, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ रहा है। इस दिन स्थापना के दौरान गणपति जी को दूर्वा और मोदक अर्पित किए जाते हैं, लेकिन ये चीजें भी अर्पित करनी चाहिए। इससे गणपति की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं गणपति स्थापना का मुहूर्त और उन्हें क्या अर्पित करें

गणेश जी को हल्दी मिले चावल अर्पित करने चाहिए। 250 ग्राम चावल में हल्दी मिलाकर गणेश जी को अर्पित करें। हल्दी को बहुत शुभ माना जाता है, इसका संबंध बृहस्पति ग्रह से भी है। ऐसा कहा जाता है कि इससे समृद्धि और बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि हल्दी मिले चावल अर्पित करने से आपके कार्य पूर्ण फलदायी होते हैं।

नारियल और शरीफा चढ़ाने से यह माना जाता है कि आप अपना अहंकार, अपना अभिमान, अपनी नकारात्मकता, सब कुछ ईश्वर को समर्पित कर रहे हैं। बदले में ईश्वर आपको पवित्रता, स्वास्थ्य और शांति प्रदान करते हैं। गणेश स्थापना के समय गणपति को गन्ना भी चढ़ाया जाता है।

कहा जाता है कि यह मिठास और उत्पादकता का प्रतीक है। इसे गणेश जी को अर्पित करने से जीवन में समृद्धि आती है, रिश्ते मज़बूत होते हैं। इसका तना विकास का प्रतीक है

गणपति स्थापना का अभिजीत मुहूर्त

गणपति स्थापना का शुभ समय अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 55 मिनट तक है। उसके बाद शुभ समय दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक है और समाप्ति शाम के 6 बजकर 05 मिनट पर होगी।

वैदिक पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि का समापन 27 अगस्त को होगा उस दिन दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर समापन हो जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन सूर्योदय की बात करें तो सुबह के 5 बजकर 57 मिनट पर होगा। वहीं सूर्यास्त शाम के 6 बजकर 48 मिनट पर होगा।

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