Rajasthan River: राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की सबसे पुरानी कातली नदी को इलाके की लाइफलाइन कहा जाता है। यहां के हर गांव में इस नदी की एक अलग पहचान है। कहीं यह नदी गांव के मध्य से होकर गुजरती है तो कहीं यह दो गांवों का सीमा तय करती है।

बता दें कि काटली नदी की शुरुआत राजस्थान के सीकर जिले के गणेश्वर नामक एक पहाड़ी से होती, आगे चलकर यह नदी का पानी मिट्टी को अलग तरीके से काटते हुए आगे बढ़ता है। इसी कारण से इसे काटली नाम से जाना जाता है। सीकर जिले से होते हुए यह नदी खंडेला और झुंझुनूं जिले में पानी की आपूर्ति करती है। साथ ही चिड़ावा उपखंड के दर्जनों से होते हुए चूरू जिले की सीमा से सजे गांव मंड्रेला में जाकर खत्म होती है। 

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साल 2018 तक था नदी में पानी 

शेखावाटी की यह मुख्य नदी अवैध खनन के कारण अब खत्म होने की कगार पर आ गई है। काटली नदी में सूखा पड़ने के कारण आसपास के क्षेत्रों में 1000 से 1200 तक नीचे पहुंच गया। नदी का कैचमेंट इलाका 746 वर्ग किमी है। इस नदी के बेसिन में कई छोटी नदियां जैसे दोहान, डोंगर, चन्द्रावती, लोहार्गल की नदी, बूढ़ी नाला, सुख नदी व सहाबी नदी शामिल हैं। भूमिगत जल स्तर कम नीचे आने से यहां के क्षेत्रों की आबादी का जीवन प्रभावित हो रहा है। जिसके चलते इलाकों में पानी का संकट बन गया है। गर्मियों के मौसम में इससे लोगों को पानी की कमी झेलनी पड़ती हैं। साल 2018 के बाद लगातार इस नदी में पानी की कमी होने लगी है। 

नदी को पुनर्जीवित करने के लिए कलेक्टर को भेजा गया ज्ञापन 

हाल हीं में जिले में काटली नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ज्ञापन भी भेजा गया है। नदी को एक बार फिर पुनजीर्वित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की गई है। इसके लिए काटली नदी बचाओ जन अभियान की शुरुआत भी की गई है।