Sikar Master Plan:  सीकर मास्टर प्लान का लंबे समय से इंतजार हो रहा था। यह करीब 19 महीने की देरी से तैयार हुआ। लेकिन अब मसौदा जारी होने के बाद यह सीकर और उसके आसपास के सैकड़ो परिवारों के लिए परेशानी का कारण बन गया। इसी हफ्ते मास्टर प्लान का मसौदा जारी हुआ है। ऐसे में वह निवासी जिन्होंने अब सुविधा क्षेत्र या आवासीय सीमाओं के बाहर चिन्हित क्षेत्र में प्लॉट खरीदे हैं वह खुद को एक चिंता की स्थिति में पा रहे हैं। 

देरी के बीच स्वीकृति में अराजकता 

जिस ओर शहरी नियोजन विभाग मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे रहा था दूसरी तरफ शहरी सुधार ट्रस्ट ने नई कॉलोनियों को मंजूरी देना जारी रखा। अब इनमें से कई कालोनियां जिन्हें सुविधा क्षेत्र के रूप में लेवल कर दिया गया है पहले आवासीय उपयोग के लिए चुनी गई थी। इस ओवरलैपिंग की वजह से परिवारों को अपने घरों की वैधता और भविष्य के बारे में काफी चिंता हो रही है। 

सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि बड़ी संख्या में लोगों ने अनधिकृत कॉलोनी में प्लॉट खरीदे। अब क्योंकि इन क्षेत्रों को मसौदा योजना में आवासीय के रूप में नहीं चुना गया इस वजह से निवासियों को अब आवश्यक सेवाओं से वंचित होने या भविष्य में ध्वस्तीकरण का सामना करने का डर है।

मास्टर प्लान की खामियां 

इस चिंता में एक ध्यान देने वाली बात यह भी है कि 10 प्रमुख सड़कों को चौड़ा करने की योजना बनाई जा रही है। इसमें जयपुर रोड भी शामिल है। अब चिंता वाली बात यह है कि मौजूदा मार्ग के किनारे स्थित घरों और व्यवसायों को विस्थापित होने की उम्मीद है। इसी के साथ पिछले मास्टर प्लान की टाउन प्लानिंग विभाग की अपनी समीक्षा में क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण विसंगतियां और खामियां पाई गई है। इसमें गलत तरीके से बाईपास निर्माण और गांव की सड़कों के किनारे बसी बस्तियां शामिल है। 

आपत्तियां हुई शुरू 

सिर्फ दो दिन में ही 25 से ज्यादा औपचारिक आपत्ति दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें से ज्यादातर आपत्तियां विकसित क्षेत्र के री जोनिंग, सड़क संरेखण में बदलाव और भूमि उपयोग पर स्पष्ट की कमी पर पाई गई है। अभी निवासियों के पास आपत्तियां दर्ज करने के लिए 30 दिन का समय है। 30 दिन बाद इस मास्टर प्लान को प्रकाशित कर दिया जाएगा।

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