Rajasthan News : सांगानेर तहसील के पालड़ी परसा गांव में जमीन बदलने का अनोखा खेल सामने आया है, जहां कागजों में सूखा दिखाकर तालाब क्षेत्र की भूमि की किस्म बदली गई है। वास्तविकता में पानी से भरे रहे हिस्से को राजस्व रिकॉर्ड में सूखा क्षेत्र दर्ज कर दिया गया, जिसके बाद जुलाई में ज़मीन की श्रेणी बदलने के आदेश जारी हुए। आदेश मिलते ही कथित तौर पर मिट्टी के डंपर डालकर तालाब का पानी सुखाने और कॉलोनी बसाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। राजस्व अधिकारियों की रिपोर्ट और जमीनी स्थिति में बड़ा अंतर होने से ग्रामीणों और विशेषज्ञों के बीच गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

कागजों में सूखा, जमीन पर पानी—कैसे बदल डाली गई भूमि की श्रेणी

आपको बता दें कि जुलाई में जारी आदेशों के अनुसार पेटा तालाब और डहरी किस्म की भूमि को बदलने की मंजूरी दी गई। खातेदार द्वारा किए गए आवेदन में 20 खसरे को सूखा क्षेत्र बता दिया गया। केवल दो खसरा नंबरों में आंशिक पानी दर्ज दिखाया गया।

तालाब का अस्तित्व खत्म करने की कोशिश

लगातार क्षेत्र में डंपरों से मिट्टी डाला जा रहा है। जिससे कि तालाब का प्राकृतिक स्वरूप धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। यह काम दिन-रात किया जा रहा है। तहसीलदार का कहना है कि वो इस मामले में रिपोर्ट देखकर ही पूरी जानकारी का पता लगा पाएंगे। भू-प्रबंध के समय राजस्व अधिकारियों ने जमीन की किस्म पेटा तालाब कर दी, जबकि यहां पानी का भराव नहीं होता। 

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