Rani Sati Temple Of Jhunjhunu: राजस्थान अपने रेगिस्तानी परिदृश्य और ऐतिहासिक किलों और महलों के लिए मशहूर है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं यहां के एक ऐसे मंदिर के बारे में जो कि किसी देवी या देवता को समर्पित नहीं है बल्कि एक व्यक्ति विशेष को समर्पित है । हम बात कर रहे हैं झुंझुनू के रानी सती मंदिर की। तो आईए जानते हैं इस मंदिर पर जुड़ी हुई सभी खास बातें।
एक बहादुर रानी को समर्पित मंदिर
ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह कोई पारंपरिक मंदिर नहीं है बल्कि एक रानी जिन्हें नारायणी देवी के नाम से भी जाना चाहता था, की याद में बनाया गया है। लोक कथाओं के मुताबिक युद्ध में अपने पति की मृत्यु के बाद नारायणी देवी ने सती होने का फैसला कर लिया था। दरअसल यह प्रथा उस वक्त प्रचलित थी। वर्षों से उन्हें आदिशक्ति के रूप में पूजा जा रहा है और लोग प्यार से उन्हें रानी सती दादी कहने लगे।
मंदिर की अद्भुत वास्तुकला
यह मंदिर झुंझुनू की पहाड़ियों पर स्थित है। इस मंदिर की वास्तुकला काफी जटिल और शानदार है। इस मंदिर को कांच के काम से सजाया गया है जो आज भी तारों की तरह चमकता है। इस मंदिर परिसर में कई और मंदिर भी हैं। जैसे: शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, सीता मंदिर, ठाकुर जी मंदिर, भगवान गणेश मंदिर। इस मंदिर में प्रवेश निशुल्क है। आप जब यहां आए तो इसी के पास की कुछ और जगह को देखना ना भूले। जैसे कि खेतड़ी पैलेस, लोहागर्ल, मोदी और तिबरवाल हवेलियां।
इसे भी पढे़:- सीकर के यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी: पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत चलाई जाएंगी 50 इलेक्ट्रिक बसें, देखें डिटेल्स