Ayurveda Medical Assoc: राजस्थान उच्च न्यायालय ने आयुर्वेदिक चिकित्सा संघ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला आयुर्वेद चिकित्सकों को बड़ी राहत प्रदान करने जा रहा है। दरअसल संघ ने राज्य सरकार के उसे आदेश को चुनौती दी थी जिसमें RajSSO-AMS एप्लीकेशन के जरिए से उपस्थिति दर्ज करने को कहा गया था। इस चीज को फील्ड डॉक्टर के लिए यह व्यावहारिक माना गया था।
फील्ड वर्क ऐप पर उपस्थित को बनता है मुश्किल
संगठन का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता गोपाल संधू ने कहा की आयुर्वेदिक चिकित्सकों को हर महीने कम से कम 10 दिन फील्ड में जाना पड़ता है। अब क्योंकि ऐप केवल कार्यालय के 200 मीटर के दायरे में ही उपस्थित को दर्ज करता है इस वजह से दूर दराज के इलाकों में काम करने वाले डॉक्टर के लिए अपनी उपस्थिति को दर्ज करना लगभग संभव ही हो जाता है।
निजता संबंधी चिंता उठाई गई
संगठन ने इस बात का भी तर्क दिया कि यह ऐप डॉक्टर के निजता का उल्लंघन करता है। अधिवक्ता संधू के मुताबिक यह ऐप 24 घंटे लोकेशन को ट्रैक करता है, चाहे फिर डॉक्टर ड्यूटी पर हो या अपने परिवार के साथ घर पर। 24 घंटे के निगरानी ने चिकित्सा पेशेवरों में गंभीर चिताओं को पैदा कर दिया है।
न्यायालय ने अस्थाई छूट का दिया आदेश
न्यायमूर्ति डॉक्टर नूपुर भाटी की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए यह स्पष्ट किया कि फिलहाल एप्लीकेशन के जरिए से उपस्थिति दर्ज न करने पर डॉक्टर के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। न्यायालय ने आगे इस बात का भी जिक्र किया कि डॉक्टरों को अन्य उपलब्ध तरीकों से अपने उपस्थिति दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी।
यह भी पढ़ें- SMS Hospital: मरीजों के लिए परेशानी का अड्डा बनता एसएमएस अस्पताल, सुविधाओं का बुरा हाल