Nematode Treatment : खेती-किसानी में (नेमाटोड)रोगों का आना आम बात है, लेकिन कभी-कभी ये रोग इतनी तेजी से फैलते हैं कि पूरी फसल को बर्बाद करने की कगार पर ले आते हैं। यह रोग अनाज, सब्जियों, फलों, दालों सहित कई फसलों में लगता है। लेकिन इसका इलाज घरेलू तरीके को भी अपना कर कर सकते हैं। सवाई माधोपुर जिले के एमपास गांव के किसान बरसाम मीणा ने इस बात को सच कर दिखाया। उनकी खीरा और अमरूद की फसलों में जब नेमाटोड रोग ने हमला किया, तो उन्होंने रासायनिक दवाओं के बजाय एक देसी उपाय अपनाया और अपने फसलों को खराब होने से बचाया।
देसी तरीका अपनाकर बचाया अपनी बागवानी
किसान बसराम मीणा ने देसी तरीका अपनाकर पौधे में लगे हुए कीड़े से छुटकारा पाया। किसान बसराम मीणा ने अमरूद के करीब 800 पौधे लगाए थे। इन पौधे में निमेटोड रोग लग गया। इससे पेड़ की जड़ों में गांठे पनपने लगते हैं। पेड़ के पत्ते भी पीले होने लगते हैं। जिस कारण से खेती नष्ट हो जाती है।
हींग का प्रयोग कर नेमाटोड को दूर भगाया
बसराम मीणा ने जैविक तरीका अपना कर नेमाटोड रोग से छुटकारा पाया। इन्होंने हींग का पाउडर पानी में मिलाया। पेड़ों की जड़ों तक ड्रिप सिंचाई के साथ हींग मिला पानी दिया। इससे रोग को छुटकारा मिला। पानी के साथ नीम की निंबोली, गुण, गोमूत्र और धतूरे के मिश्रण को मिलकर सिंचाई की। इससे पनप रहे गांठ खत्म हो जाती है।
नेमाटोड रोग कैसे लग जाता है?
मिट्टी के माध्यम से निमेटोड रोग का फैलाव होता है। संक्रमित पौधे और बीज का उपयोग भी इस रोग को बढ़ाता है। नमी वाली मिट्टी और गर्म वातावरण नेमाटोड्स के लिए अनुकूल होते हैं, जिससे वे तेजी से फैलते हैं।
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