Kishangarh Renwal Village: जयपुर से मात्र 69 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसा गांव है जिसने देश और दुनिया में अपनी जूती के कारण नाम बनाया है। जूती वाला गांव के नाम से मशहूर किशनगढ़ रेनवाल एक छोटा सा गांव है। यहां की कला सिर्फ राजस्थान में ही नहीं बल्कि भारत के कई और राज्यों में भी मशहूर है। 

हस्त निर्मित जूता का केंद्र 

किशनगढ़ रेनवाल में सदियों से जूती बनाई जा रही है। यहां बनी जूती आम नहीं होती बल्कि स्थानीय कारीगरों के कुशल हाथों से द्वारा गढ़ी गई एक कला का टुकड़ा ही है। यहां की जूती इसलिए खास होती है क्योंकि यहां आज भी पारंपरिक तरीके से ही जूती बनाई जा रही है । लेकिन जो चीज इसे अलग बनाती है वह है पारंपरिक तरीके को उभरते हुए फैशन ट्रेंड के साथ मिलाना। यहां क्लासिक राजस्थानी स्टाइल के साथ-साथ आधुनिक और डिजाइनर स्टाइल भी मिलते हैं। ‌ यहां जोधपुरी जूतियां भी बड़ी मात्रा में बनाई जाती है। यह जूतियां राजस्थान के साथ-साथ दिल्ली, मुंबई और भोपाल भी भेजी जाती है।

एक पारंपरिक कला 

किशनगढ़ रेनवाल में जूतियों को बनाने का कार्य जड़ों तक फैला हुआ है। यहां लोग सुबह से लेकर शाम तक जूतियां ही बनाते रहते हैं। इस गांव के 50 से ज्यादा परिवार की मुख्य स्रोत सिर्फ इसी काम पर निर्भर है। चमड़े को काटने से लेकर सिलने तक और बाद में डिजाइन बनने तक का हर काम परिवार द्वारा ही किया जाता है। 

बेल्ट बनाने में भी कौशल हासिल 

सिर्फ जूतियां ही नहीं बल्कि किशनगढ़ रेनवाल में बेल्ट भी बनाई जाती है। मुख्य रूप से यह बेल्ट स्थानीय रूप से प्राप्त चमड़े से बनाई जाती है। इन बेल्ट में खूबसूरत डिजाइन उकेरा जाता है जो हर टुकड़े में एक अलग विशिष्टता का स्पर्श जोड़ती है।

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