2 Wheeler News: अगले साल एक जनवरी 2026 से एंट्री लेवल यानी दोपहिया वाहन महंगे हो सकते हैं। इसके पीछे का कारण है सरकार का नया फैसला, जिसके मुताबिक नए साल से सभी दोपहिया वाहनों में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम यानी एबीएस लगाना जरूरी होगा। अभी केवल 125 सीसी या उससे ज्यादा इंजन वाले दोपहिया के लिए ही एबीएस अनिवार्य है।
बढ़ जाएंगी वाहनों की कीमतें
हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार आकार की परवाह किए बिना साल 2026 और उसके बाद से देश में सभी दोपहिया वाहनों में एबीएस होना अनिर्वाय है। इस आदेश का असर वाहनों की कीमतों पर दिखाई दे सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक 125 सीसी से छोटे इंजन वाले वाहनों की लागत तीन से दस हजार रुपए तक बढ़ सकती है।
प्रोडक्ट डिजाइन व मैन्युफैक्चरिंग पर पड़ेगा असर
प्राइमस पार्टनर्स के उपाध्यक्ष निखिल ढाका ने जानकारी दी कि एबीएस अनिवार्य होने के बाद इसका असर प्रोडक्ट डिजाइन व मैन्युफैक्चरिंग पर दिखाई देगा। दोनों में बड़े बदलाव होंगे। इसमें ड्रम ब्रेक को डिस्क ब्रेक में बदलना होगा और असेंबली लाइनों पर टूलिंग को अपडेट करना होगा। इसके अलावा टेस्टिंग व सर्टिफिकेशन के नए दौर से भी गुजरना होगा।
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घट सकती है मॉडल की मांग
नोमुरा इंडिया का अनुमान है कि सरकार के इस फैसले के बाद से एबीएस के चलते संभावित मूल्य वृद्धि से एंट्री लेवल मॉडल की मांग 2 से 4 प्रतिशत तक घट सकती है।
इंडस्ट्री पर दिखा असर
हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर, बजाज ऑटो व आयशर मोटर्स आदि वाहन कंपनियों के शेयरों में सोमवार से ही गिरावट दर्ज की जा रही है। ब्रोकरेज फर्म यूबीएस के अनुसार एंट्री लेवल के दोपहिया वाहनों को प्रतिशत के हिसाब से अधिक लागत वृद्धि का सामना करना पड़ेगा। इस फैसले के बाद हीरो मोटोकॉर्प पर सबसे अधिक असर देखने को मिलेगा। बता दें कि इसका राजस्व का 77 प्रतिशत घरेलू नॉन-एबीएस दोपहिया वाहनों से आता है।