Paniala Sheetal Highway : दिल्ली-मुंबई व दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे को जोड़ने के लिए पनियाला से शीतल तक 83 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। साल 2023 में प्रशासन ने आस पास की जमीन अधिग्रहित की थी। लेकिन उस समय बहुत सी तकनीकी व अन्य समस्याओं के चलते जमीन मालिकों को मुआवजा नहीं मिल पाया था। फिलहाल प्रशासन ने तकनीकी कमियों को दूर करते हुए अलवर जिले के 55 गांव के किसानों को मुआवजे की रकम भेज दी है। प्रायः ये देखा जाता है कि किसी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए सरकार आस पास के निवासियों से या भूमि मालिकों से भूमि अधिग्रहीत कर लेती है लेकिन मुआवजे में इतनी देर हो जाती है जिसके कारण अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

क्योंकि ये जरूरी नहीं है कि सबकी आर्थिक स्थिति एक समान हो। कुछ लोगों की जमीन व्यवसायिक रूप से उपयोगी भी हो सकती है जिसके अधिग्रहण से भू-स्वामी को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा रहा था। यही नहीं बहुत से किसानों का आय का जरिया भी बंद हो गया था। फिलहाल मुआवजा मिलने से किसानों को राहत है।

475 करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में बांटे जा चुके हैं

अब तक पनियाला हाईवे के मुआवजे के रूप में लगभग 12000 किसानों को 475 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार शेष 25 करोड़ रुपए इस महीने के अंत तक दे दिए जाएंगे। स्ट्रक्चर का मुआवजा कोर्ट में संबंधित पक्ष के बाबत जमा किया जाएगा।

किसानों को मिली राहत

बीते दो वर्षों से मुआवजे के लिए परेशान किसानों को अब जाकर राहत मिली है। तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए पिछले 6 महीने से प्रशासन ने युद्ध स्तर पर काम किया है जिसके परिणामस्वरूप मुआवजे के भुगतान को हरी झंडी मिल सकी।

हाइवे बनने से मिलने वाले लाभ

अलवर जिले में निर्माणाधीन 83 किलोमीटर लंबा पनियाला-शीतल हाईवे अब केवल एक सड़क परियोजना नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास का सशक्त माध्यम बन रहा है। यह मार्ग दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-जयपुर यह मार्ग दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को आपस में जोड़ते हुए यात्रा की अवधि को 2 से 3 घंटे तक घटा देगा। साथ ही, इससे कृषि, व्यापार और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।

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