Rajasthan History:हम सभी जानते हैं कि टोंक कर्नल जेम्स टॉड ने पहली बार राजस्थान का इतिहास लिखा था, इसी कारण से उन्हें राजस्थान के इतिहास का जनक भी कहा जाता है, लेकिन यह बात काफी कम लोगों को पता होगी कि राजस्थान का इतिहास तो तभी लिख गया था जब टोंक कर्नल जेम्स टॉड केवल सोलह साल की उम्र के थे। इसका प्रमाण एक ग्रंथ में मिलता है।
मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान में सुरक्षित रखे नसबुल अनसाब ग्रंध को तारीखें राजस्थान के नाम से भी जाना जाता है। इसके मुताबिक सन् 1794 में जयपुर के महाराजा प्रताप सिंह के आदेश पर लेखक कालीराम कायस्थ अजमेरी द्वारा यह किताब लिखी गई थी।
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पहली इस्तेमाल हुआ था राजस्थान शब्द
इस पुस्तक के बारे में बताया जाता है कि इसमें पहली बार राजस्थान नाम का उपयोग किया गया था। लेकिन कई सालों तक इसे स्पष्ट नहीं किया गया। फारसी भाषा में लिखी यह किताब अब राजस्थान के इतिहास का नया विषय बनी हुई है। यदि इस ग्रंथ का अनुवाद आम बोलचाल की भाषा में हो पाता तो शायद यह पुस्तक राजस्थान की पहली किताब मानी जाती। साथ ही लेखक कालीराम कायस्थ को राजस्थान का जनक कहा जाता।
प्रमाणिक व सरकारी दस्तावेजों पर आधारित है ग्रंध
कसरे इल्म नाम पुस्तक मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान की ओर से प्रकाशित की जाती है। इसके पृष्ठ 64 के मुताबिक तारीख-ए-राजस्थान को नजबुल अनसाब के नाम से भी जाना जाता है। अजमेर के मूल निवासी लेखक कालीराम कायस्थ ने फारसी भाषा में इसे लिखा था।
इसे पढ़ने से समक्ष आता है कि यह किताब प्रमाणिक व सरकारी दस्तावेजों पर आधारित है। जानकारी के लिए बता दें कि यह ग्रंथ इस संस्थान के अलावा कहीं उपलब्ध नहीं है। साथ ही कहीं प्रकाशित भी नहीं हुआ है। जयपुर के महाराजा प्रताप सिंह के आदेश पर 1794 ई. में इसे लिखा गया था।