Rajasthan Heath: राजस्थान में मरीजों का बुरा हाल हो रहा है। प्राइवेट अस्पतालों ने आरजीएचएस योजना के तहत इलाज करने से इनकार कर दिया है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले हर दिन 15,000 से अधिक ओपीडी और आईपीडी जनरेट होती थी। वहीं, अब आईपीडी घटकर 2000 से भी कम रह गई है। इससे प्रतीत हो रहा है कि मरीज ही प्राइवेट हॉस्पिटल नहीं जाकर सरकारी अस्पताल जाने लगे हैं। वहीं, 23 अगस्त को 13674 ओपीडी रही और आईपीडी महज 1956 रही। 24 अगस्त को भी ओपीडी घटकर 12976 और आईपीडी 1783 ही रह गई। यह आंकड़ा सरकारी और निजी अस्पतालों का है। सामने आया कि यदि सरकार निजी अस्पतालों का आंकड़ा अलग करे तो महज 1% मरीजों को निजी अस्पतालों में आरजीएचएस के तहत इलाज मिल पाया है।

100 अस्पतालों ने सरकार को भेजे आवेदन

सरकार ने कई अस्पतालों में एक साथ ड्रग इंस्पेक्टर्स भेजे और गड़बड़ियों की पड़ताल की। अप्रत्यक्ष रूप से अस्पताल संचालकों को कहा कि RGHS के तहत इलाज शुरू किया जाए, अन्यथा बड़ी परेशानी सामने आ सकती है। जयपुर व अन्य शहरों के निजी अस्पतालों में कई जांच के लिए सीएमएचओ की टीम भी भेजी। 100 निजी अस्पतालों ने आरजीएचएस में जुड़ने के लिए आवेदन किया है, इन्हें जल्द अनुमति दी जा सकती है। पीएचएनएस सचिव डॉ. राकेश कालरा ने कहा कि हम कोशिश कर हैं कि सरकार जल्द हमारी मांगों पर वार्ता कर सहमति जताए और मरीजों का इलाज शुरू हो। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार का इस मांग पर क्या रुख होता है।