Cardiac Arrest Cases : सर्दी के मौसम के साथ ही अस्पतालों की न्यूरो और कार्डियोलॉजी यूनिट में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि अब हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और सर्वाइकल जैसी गंभीर बीमारियां केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि 25 से 40 वर्ष की उम्र के युवा भी बड़ी संख्या में इनका शिकार हो रहे हैं। बीते 15 दिनों में कार्डियोलॉजी, न्यूरो और मेडिसिन यूनिट में मरीजों की संख्या में करीब 30 प्रतिशत तक इजाफा दर्ज किया गया है। डॉक्टरों के अनुसार बढ़ता तनाव, अनियमित जीवनशैली, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग और इलाज में लापरवाही इस बढ़ते खतरे की बड़ी वजह बन रहे हैं।

तेजी से बढ़ रहे इस प्रकार के मामले

सर्दी के इन दिनों में अजमेर के जेएलएन अस्पताल के न्यूरो यूनिट में रोजाना 4 से 5 मरीज भर्ती हो रहे हैं। वहीं, कार्डियोलॉजी में ईको करवाने वालों की संख्या भी 80 से 105 मरीजों तक पहुंच गई है। इन मरीजों की आयु ज्यादातर 25 से 40 वर्ष होती है। सर्दी के साथ बढ़ रहे मरीजों से न्यूरो की ओपीडी 300 से 450 और कार्डियोलॉजी की 340 पार हो गई है। यही नहीं हार्ट मरीजों के अलावा ब्रेन स्ट्रोक और सर्वाइकल के मरीज भी भर्ती हो रहे हैं। बेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या पिछले एक माह में 105 हो गई है, जिनमें से 35 लोगों की उम्र 30 से 40 साल है। कार्डियोलॉजी यूनिट में हर दिन लगभग 20 एंजियोग्राफी और 5 से 7 एंजियोप्लास्टी हो रही है।

क्यों बढ़ रहा सर्वाइकल?

जानकारी के मुताबिक जेएलएन अस्पताल में पिछले वर्ष सर्वाइकल के 55 साल से ज्यादा आयु के मरीज भर्ती हो रहे थे। लेकिन अब इस साल 35 वर्ष के आयु वाले मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। न्यूरो के ओपीडी में 450 मरीजों में 45 ऐसे आए, जिन्हें तनाव के कारण सिर में तेज दर्द था। सर्वाइकल की शिकायत लेकर सबसे अधिक 25 प्लस की उम्र के युवा आ रहे हैं।

क्यों बढ़ रहे हार्ट के मामले?

डॉक्टरों ने बताया कि कोविड के बाद युवाओं में हार्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसका कारण स्ट्रेस, अनियमित खानपान व नशा को माना जा सकता है। नियमित ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कार्डियक के मरीज दवा नहीं लेते हैं। गैप आते ही स्ट्रोक या हार्ट फेल्योर का कारण बनता है। जेएलएन अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में पिछले माह यानी नवंबर में एंजियोग्राफी 326 और एंजियोप्लास्टी 182 मरीज आए थे। अक्टूबर में ओपीडी 8777, नवंबर में ओपीडी 8623, दिसंबर में ओपीडी रोजाना 350 हो रही है। इस साल अब तक 21 हजार 772 लोगों की ईको की जा चुकी है।

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